UP news: सरकारी विभाग में 37 साल से नौकरी, 750 रुपये महीने सैलरी; योगी ने बदली किस्मत…

UP news: सरकारी विभाग में नौकरी करने वाले कर्मचारियों का एक हैरान कर देने वाला सच सामने आया है. कुछ ऐसे कर्मचारियों ने अपना दुख मिडिया के सामने बताया जिसे सुनने के बाद यकीन करना मुश्किल होगा. पढ़िए खास रिपोर्ट...

यूपी के ‘हमीरपुर में मैं 1988 से नौकरी कर रहीं हूं. हमें 750 रुपये महीने ही मिलते हैं. परिवार में 2 बच्चे हैं. इतने रुपये में हमारा गुजारा नहीं होता है. मजदूरी भी करनी पड़ती है. हम सोचते थे कि कभी न कभी वेतन बढ़ेगा, इसलिए अब तक काम करते चले आ रहे हैं. अब उम्र भी ज्यादा हो गई है. कई तरह की दुश्वारियों का भी सामना करना पड़ रहा है. अब सरकार ने वेतन बढ़ाने के आदेश दिए हैं तो इससे काफी अच्छा लग रहा है’.

ये कहना है हमीरपुर आरटीओ में कार्यरत अंशकालिक सफाई कर्मी आशा देवी का. 37 साल से ऐसे 24 कर्मी महज 750 रुपये महीने के वेतन पर ही गुजारा कर रहे हैं. ये कर्मी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के परिवहन विभाग में कार्यरत हैं. अब योगी सरकार ने इन कर्मचारियों की सुधि ली है. इसके बाद इन कर्मियों का वेतन 8 से 10 हजार रुपये महीने तक हो जाएगा.

आशा देवी ने बताया कि वे सुबह-सुबह कार्यालय में साफ-सफाई करने पहुंच जाती हैं. कार्यालय को चमकाती हैं. दिन भर वहीं अधिकारियों की आवभगत में लगी रहती हैं. इसके बदले उन्हें महीने में 750 रुपये ही मिलते हैं. शनिवार को आशा समेत कई सफाई कर्मियों को लखनऊ में सम्मानित किया गया. कर्मियों ने वेतन बढ़ाने पर सीएम योगी का आभार जताया.

कर्मचारियों की जिंदगी अफसरों के रहम-करम:

वही एक अन्य सफाई कर्मी अशोक कुमार ने बताया कि ‘हम भी 1988 से पीलीभीत आरटीओ में काम कर रहे हैं. पहले हमें 100 रुपये ही मिलते हैं. करीब साल 2007 में इसे बढ़ाकर 750 कर दिया गया. घर में पत्नी है, 3 बच्चे हैं. ऑफिस में पूरा दिन काम करना पड़ता है. फोर्थ क्लास कर्मचारियों की भर्ती बंद हो गई. अब हम ही लोग बचे हैं. अफसरों के रहम-करम पर हम टिके हैं. हम कहते हैं कि साहब आटा नहीं है, दाल नहीं है तो वह अपने वेतन से निकाल कर हमें देते हैं’. घर का गुजारा करना हो गया था मुश्किल, किसी सरकार ने नहीं ली थी सुध, अब योगी सरकार ने बदली किस्मत.

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की तारीफ :

हम लोगों की उम्र हो गई है. सफाई करते-करते बीमार भी पड़ जाते हैं. हम कोरोना काल में भी काम कर रहे थे. उन्होंने बताया कि जिओ के तहत जो उप संभाग खुले थे उनमें पद बनाए गए थे. एआरटीओ, आरआई, पीटीओ, बड़े बाबू, चपरासी आदि के पद थे. अशोक ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बृजेश नारायण सिंह की खुलकर तारीफ की. कहा कि हम जीवन भर उनके ऋणी रहेंगे. हमारी 24 लोगों की पूरी टीम उनका आभारी है.

सरकार नियमित करे तो हमारी समस्या का हो समाधान : 

वही यूपी के बलिया आरटीओ में तैनात राजकुमार ने बताया कि वह 1996 में नौकरी पर लगे थे. तब उन्हें सिर्फ ₹100 ही मिलते थे. इसके बाद ₹200 वेतन हुआ. अब 750 रुपये मिलते हैं. वह कहते हैं कि घर में पत्नी है. 8 बच्चे भी हैं. जीवन बहुत परेशानी भरा रहा है. अब कुछ बच्चे बड़े हो गए हैं. वे कुछ काम-धाम भी करने लगे हैं. वे शादी करने लायक हो गए हैं. अब सरकार ने वेतन बढ़ाया है तो इससे राहत मिलेगी. अब हमारी मांग है कि सरकार हमें नियमित करने पर ध्यान दे.

अब बच्चों के भविष्य की चिंता :

एक और जगह यूपी के औरैया कार्यालय में तैनात प्रमोद कुमार बताते हैं कि हम वैसे तो 1998 से तैनात हैं लेकिन 2018 में हमारी नियुक्ति अंशकालिक के रूप में हुई है. 750 रुपये मिलते हैं. हम सराहना करते हैं अपने अधिकारियों की जिन्होंने हमें यहां मंच पर बुलाकर सम्मानित किया और हमारा वेतन बढ़ाने का काम किया. हम सरकार को भी धन्यवाद देते हैं. आगे जो भी सरकार हमें निर्देश देगी हम वैसा ही करेंगे.

अगर अब सरकार हमें परमानेंट कर दे, हम सिर्फ 24 ही लोग हैं तो हमारे जो बच्चे हैं उनका जीवन संवर जाएगा. हम लोगों ने तो अपना समय किसी तरह काट लिया, लेकिन उनका भविष्य और भी बेहतर हो जाएगा.

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के प्रयास का मिला फल:

बता दें कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बृजेश नारायण सिंह कुछ दिनों पहले बस्ती के दौरे पर गए थे. आरटीओ कार्यालय में उन्होंने एक बुजुर्ग महिला कर्मचारी से वेतन के बारे में पूछा. जैसे ही महिला ने 750 रुपये महीना बताया वह दंग रह गए. इसके बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने उन्होंने प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों में तैनात 24 सफाई कर्मियों का वेतन बढ़ाने के प्रयास शुरू किए. इसमें उन्हें सफलता मिली. इसके बाद सरकार ने वेतन बढ़ोतरी का फैसला लिया. अब सभी कर्मचारी कमिश्नर की सराहना कर रहे है. एवं योगी सरकार का धन्यवाद दे रहे है.