पंजाब विधानसभा में केन्द्रीय कृषि बिल के खिलाफ चार विधेयक पारित, गवर्नर से मिले सीएम

न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम बिक्री या खरीद पर सजा और जुर्माने का है प्रावधान

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में केंद्र सरकार के नए कृषि बिलों के खिलाफ पेश किए गए चार विधेयक सर्वसम्मति पारित हो गए हैं।

साथ ही केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया। ये विधेयक पांच घंटे से अधिक समय की चर्चा के बाद पारित किए गए।

सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘विधानसभा में कृषि बिल के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया है। हमने यहां राज्यपाल को उसकी प्रति सौंपी है। पहले यह राज्यपाल के पास जाएगा और फिर राष्ट्रपति के पास।

उन्होंने कहा अगर यह भी नहीं होता है तो हमारे पास कानूनी तरीके भी हैं। मुझे उम्मीद है कि गवर्नर इसे स्वीकृत कर देंगे। मैंने राष्ट्रपति से भी 2 से 5 नवंबर के बीच मिलने का समय मांगा है। पूरी विधानसभा ही उनके पास जाएगी।’

राज्य सरकार के इन विधेयकों में किसी कृषि समझौते के तहत गेहूं या धान की बिक्री या खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर करने सजा और जुर्माने का प्रावधान करता है। इसमें कम से तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है।

इन प्रावधानों के तहत किसानों को 2.5 एकड़ तक की जमीन की कुर्की से छूट दी गयी है। कृषि उपज की जमाखोरी और कालाबाजारी की रोकथाम के उपाय किए गए हैं। इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी दलों से आग्रह किया था कि वे विधानसभा में उनकी सरकार के ‘ऐतिहासिक विधेयकों’ को सर्वसम्मति से पारित करें।

सीएम बोले, पहले भी दिया था इस्तीफा

विधेयक पेश करने के दौरान अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘मुझे अपनी सरकार के गिरने का डर नहीं है। मैं इस्तीफा भी देने के लिए तैयार हूं। पहले भी पंजाब के लिए इस्तीफा दिया था। हम किसानों के साथ पूरी तरह से खड़े हैं।

बिल पेश करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि कृषी संसोधन बिल और प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी बिल दोनों ही किसान, मजदूर और वर्कर्स के लिए घातक हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि बिलों को लेकर पंजाब में किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी राज्य में किसानों का समर्थन करने पहुंचे थे और ट्रैक्टर यात्रा की थी।

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