किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान मूवमेंट राष्ट्रहित में नहीं: स्वामी चक्रपाणि

नई दिल्ली। किसान आन्दोलन में खालिस्तान मूवमेंट घुसने का विरोध शुरू हो गया है। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि देश के किसान अन्नदाता है।

उनका लोकतांत्रिक मांग व विचार रखने का अधिकार है। केंद्र सरकार को भी किसानों को विश्वास में लेकर कोई कानून बनाना चाहिए।

उन्होंने कहा लेकिन किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान मूवमेंट, शाहीन बाग आदि देश विरोधी गैंग अपना हित साधने में लगे हुए हैं, जो राष्ट्रहित में नहीं है। केंद्र सरकार ऐसे टुकड़े गैंग के खिलाफ कार्रवाई करें।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है। किसानों और सरकार के बीच आज शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत होनी है।

किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक से पहले इस मुद्दे का उचित हल तलाशने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक अहम बैठक बुलाई है।

बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल भी मौजूद हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बार्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है।’

किसान नेताओं ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए।

किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है।

इसके साथ ही किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। उन्होंने इस दिन टोल प्लाजाओं पर कब्जे की भी चेतावनी दी है।

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