
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। मंत्री पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से भी त्यागपत्र दे दिया है।
माना जा रहा है कि वह जल्द ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ देंगे और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान 19 दिसंबर को भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
बुधवार को दोपहर बाद विधानसभा पहुंचे अधिकारी ने हाथ से लिखा हुआ त्याग पत्र सचिवालय को सौंपा। स्पीकर बिमन बनर्जी दफ्तर में मौजूद नहीं थे।
कभी ममता बनर्जी के बेहद खास रहे शुभेंदु अधिकारी का करीब 50 विधानसभा सीटों पर अच्छा प्रभाव माना जाता है।
टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने निजी रूप से बताया कि शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से नाखुश हैं, जिन्हें 2019 चुनाव में बीजेपी को मिली बड़ी सफलता के बाद राज्य में उतारा गया।
अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को बंगाल में रहेंगे। वह कम से कम तीन जिलों में रैलियों को संबोधित करेंगे, जिनमें पूर्वी मिदनापुर भी शामिल है,
जहां शुभेंदु अधिकारी, उनके पिता और दो भाई दो लोकसभा क्षेत्रों और एक विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिविक बॉडी का प्रतिनिधित्व भी अधिकारी परिवार के पास ही है। शुभेंदु नंदीग्राम सीट से विधायक हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को पार्टी में शामिल होने के लिए बाध्य कर रही है।
कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने पार्टी का साथ छोड़ने वालों को अवसरवादी बताया और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस में फूट डालने के लिए भाजपा धन का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा, ”भाजपा नेताओं का साहस देखिए कि वे हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी को भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए कहते हैं।
भाजपा राजनीतिक शिष्टाचार नहीं जानती, उसकी कोई विचारधारा नहीं है। (तृणमूल कांग्रेस में) एक-दो अवसरवादी हैं जो उनके फायदे के लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ”पार्टी से लंबे समय से जुड़े नेता ही हमारे लिए असली खजाना हैं। भाजपा, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अपने पाले में शामिल कराने के लिए बाध्य कर रही है।
वे विपक्षी दलों को तोड़ने के लिए धन के थैलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, हम लड़ेंगे और विधानसभा चुनाव में उन्हें हराएंगे।”
ममता बनर्जी का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असंतोष प्रकट कर चुके हैं।