
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से जूझ रहे देशवासियों के लिए एक और बुरी खबर है। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक सुनाई दे रही है।
केरल में तो इसे राज्य आपदा घोषित कर दिया गया है। केरल में अब तक 1700 बतखों की मौत हो चुकी है। राजस्थान के झालावाड़, कोटा समेत 16 जिलों में अब तक 625 पक्षी जान गंवा चुके हैं।
मप्र के मंदसौर में करीब 100, इंदौर में 142, मालवा में 112 और खरगोन जिले में 13 कौवों की मौत हो गई।
वहीं, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पौंग झील अभयारण्य में अब तक 2739 प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की मौत के बाद स्थानीय प्रशासन ने मुर्गिंयों, बतखों और अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
केरल के अलपुझा और कोट्टायम जिलों में बडे़ पैमाने पर मंगलवार को संक्रमित पक्षियों को मारने का अभियान शुरू हो गया है। यहां पर करीब 50 हजार पक्षियों को मारा जाएगा। वहीं, हरियाणा के पंचकूला जिले में 15 दिनों में दो लाख मुर्गियों की मौत हो चुकी है।
गुजरात में भी बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही है। यहां के जूनागढ़ जिले में खारो जलाशय में करीब 53 पक्षी मृत पाए गए हैं। वहीं, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और कर्नाटक में भी सतर्कता बरती जा रही है।
केरल के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री के राजू ने सोमवार को दो स्थानों पर बर्ड फ्लू की पुष्टि की थी।
मप्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि, अलर्ट जारी
मप्र में मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद प्रदेश सरकार ने राज्य में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी किया है। ताजा जानकारी के मुताबिक, मंदसौर में मृत मिले कौवों के नूमनों से बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
पशुपालन विभाग मंदसौर के डॉ. मनीष इंगोले ने कहा, स्टेट लैब में भेजे गए मृत कौवे के चार नमूनों में बर्ड फ्लू पाया गया है। यहां 23 दिसंबर और तीन जनवरी के बीच लगभग 100 कौवों की मौत हो गई थी।