
डिटॉक्सिफिकेशन शरीर और दिमाग को स्वस्थ व तरो-ताजा रखने की प्रक्रिया है। इससे शरीर से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं और शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं, जिसके चलते किडनी, त्वचा, फेंफड़े, आंत आदि स्वस्थ रहते हैं।
डिटॉक्सिफिकेशन क्यों है जरूरी
शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करवाना, पोषण देना और आराम पहुंचाना डिटॉक्सिफिकेशन कहलाता है।
गंदगी हमारे आसपास ही नहीं बल्कि यह हमारे शरीर में भी होती है। इससे कई प्रकार की बीमारियां जैसे- तनाव, अनिद्रा, कोल्ड एंड फ्लू, अपच, वजन बढ़ना आदि होने लगती हैं।
डिटॉक्सिफिकेशन से मानसिक तनाव एवं दूसरे विकार दूर भागते हैं और नई ऊर्जा का संचार होता है। सप्ताह में एक बार बॉडी को जरूर डिटॉक्स करना चाहिए।
डिटॉक्सीफिकेशन के कुछ नेचुरल तरीके-
नींद पूरी करें
7 से 8 घंटे की नींद आपकी सेहत के लिए बेहद जरुरी है। नींद बॉडी डिटॉक्सीफिकेशन के लिए बेहद जरुरी है।
वर्कआउट करें
एक्सरसाइज का मतलब जिम जाना और भारी वजन उठाना या कार्डियो करना नहीं है। आप स्पीड वाकिंग, साइकिल चलाने या घर पर दस मिनट की बॉडीवेट एक्सरसाइज की तरह कुछ हल्के-फुल्के वर्कआउड कर सकते हैं।
फल खाएं
फलों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, इसलिए फल जरूर खाने चाहिए।
भरपूर मात्रा में पानी पिएं
पानी शरीर से सभी अतिरिक्त फैट और शुगर को बाहर निकालने में मदद करता है और पेट को भी साफ करता है। दिन भर में 2 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
हरी सब्जियां खाएं
हरी सब्जियां शरीर के लिए बहुत जरुरी है। हरी सब्जियों को पकाने की बजाय उबालकर खा सकते हैं, इससे शुगर और फैट कम हो जाएगा।