
इटावा (उप्र)। उप्र पंचायत चुनाव में परिसीमन और मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद अब आरक्षण को लेकर गहमागहमी मची हुई है। हालांकि इटावा में अभी आरक्षण फाइनल होने में काफी देरी है क्योकि अभी प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है ।
फिर भी यह माना जा रहा है कि जिले में ग्राम प्रधान और ब्लाक प्रमुख को लेकर कई प्रमुख सीटों के आरक्षण की स्थिति बदल जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण को लेकर चर्चा और तेज हो गई है।
इस बीच पंचायतीराज विभाग के कार्यालय की दीवारों पर इस आशय का नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि अभी आरक्षण के बारे में कोई पूछताछ नहीं करें।
पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण की कवायद सरकार ने शुरू अभी नहीं की है। अब हाईकोर्ट ने 17 मार्च तक आरक्षण कर लेने के लिए कहा है। इसके बाद आरक्षण को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है।
जानकारी के मुताबिक ब्लाक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों के उन पदों को सबसे पहले एससी के लिए आरक्षित किया जाएगा जो अभी तक इस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुए हैं।
जिले में ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य का एक एक पद ऐसा है जो कभी भी एससी के लिए आरक्षित नहीं हुआ। इस हिसाब से इन पदों का आरक्षित होना तय है। इसके साथ ही जिले की 471 ग्राम पंचायतों में से लगभग आधी ग्राम पंचायतें भी आरक्षित होनी है इनमें भी स्थिति बहुत बदल जाएगी।
प्रधानी के कई दावेदार जो अभी तैयारी कर रहे हैं आरक्षण बदला तो वे चुनाव मैदान में भी नहीं उतर पाएंगे। यही कारण है जिसके चलते प्रधान जी और प्रधानी के दावेदार परेशान हैं। बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के लिए भी यही चिन्ता बढ़ाने वाली बात है।