जल जीवन मिशन: 40हजार ग्रामों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी योगी सरकार

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लखनऊ। पीने का पानी घरों में नल से उपलब्ध कराए जाने के मिशन की शुरुआत 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन के रूप में की। इस योजना के तहत देश के सभी गांवों के हर घर में 2024 तक नल से पीने का पानी उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है।  

प्रधानमंत्री के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए देश के सबसे बड़े सूबे उप्र में योगी आदित्यनाथ सरकार ने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु एक मिशन की तरह कार्य प्रारंभ किया है। 

प्रदेश में यह योजना राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के नाम से संचालित हो रही है। इसके तहत सबसे पहले उन घरों का बेसलाइन सर्वे कराया गया, जिन घरों में पाइपलाइन से आपूर्ति नहीं हो रही है। इस सर्वे के आधार पर ही आगे की कार्य योजना तैयार की गई। हालाँकि इस पर कुछ सवाल भी उठे पर सरकार कार्य करती रही। 

योगी सरकार ने बुंदेलखंड/विंध्य क्षेत्र के 9 जनपदों के लगभग 45 सौ ग्रामों में, जिनमें कभी शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हुई थी, को पाइप पेयजल योजनाओं से आच्छादित करने हेतु परियोजनाएं स्वीकृत की हैं।

पूरे क्षेत्र को 50 भागों में बांटकर टेंडर किए गए और सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले बिडर्स को बहुत ही competitive दरों पर कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इन कंपनियों द्वारा अगले 10 वर्षों तक इन परियोजनाओं का रखरखाव भी किया जाएगा।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 59708 विद्यालयों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश में आर्सेनिक से प्रभावित 1441 बस्तियों में से अब तक 1358 बस्तियों में पाइप पेयजल योजना के माध्यम से हर घर तक नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है।

शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में लगभग 1000 बस्तियों में आर्सेनिक रिमूवल यूनिट (ARU) एवं फ्लोराइड रिमूवल यूनिट (FRU) लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा आर्सेनिक एवं फ्लोराइड से प्रभावित 1025 ग्रामों में नये ARU व FRU लगाए जा रहें हैं।

इसके उपरांत प्रदेश में गुणवत्ता प्रभावित विशेष ग्रामों को जे.ई./ए.ई.एस. से प्रभावित ग्रामीणों को आकांक्षात्मक जनपदों के ग्रामों को, सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) से आच्छादित ग्रामों को, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों को तथा अन्य अवशेष ग्रामों को भी जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने का बीड़ा भी योगी सरकार ने उठाया है।

योगी सरकार ने प्रथम चरण में प्राथमिकता वाले 40हजार ग्रामों को चयनित कर यह तय किया कि इन ग्रामों को शुद्ध पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने के लिए राज्य स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग कराई जाए, जिससे योग्य और समर्थ बिडर्स आ सके, प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त हो सके और समय से कार्य पूर्ण कराया जा सके।

इन दरों के आधार पर डीपीआर के गठन का कार्य जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन (DWSM) को प्रस्तुत किया जाएगा और प्रोजेक्ट स्वीकृति का अधिकार राज्य सरकार द्वारा जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन (DWSM) को दे दिए गए हैं, ताकि कार्य सुगमता और तेजी से हो सके।

ज्ञातव्य है कि जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन (DWSM) के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं। बताते चलें कि इन सभी प्रोजेक्ट का रखरखाव अगले 10 वर्षों तक इन्हीं बिडर्स द्वारा किया जाएगा किया जाना है।

राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन व नमामि गंगे परियोजना के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि हर घर नल से पीने का पानी उपलब्ध कराने का जो सपना हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने देखा है, उसे समय रहते पूरा करना हम लोगों का कर्तव्य है और हम इसे पूरा भी करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना में धन की कोई नहीं आने दी है।

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