अर्जेंटीना में वैध हुआ गर्भपात, पोप फ्रांसिस ने जताई थी आपत्ति

ब्यूनस आयर्स। अर्जेंटीना की सीनेट में गर्भपात को वैध बनाने वाला एक बिल पारित हो गया है। इस अधिकार के लिए अर्जेंटीना की महिलाएं दशकों से आंदोलन करती रही हैं।

यहां अब तक सिर्फ दुष्कर्म और मां के जीवन पर खतरे के मामलों में ही गर्भपात को कानूनी रूप से अनुमति रही है लेकिन अब देश में 14 सप्ताह तक स्वैच्छिक गर्भपात की अनुमति होगी। 

अर्जेंटीना की संसद में 12 घंटे के मैराथन सत्र के बाद गर्भपात को वैध बनाने वाले बिल के पक्ष में 38 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ में 29 वोट ही पड़े और एक सदस्य गैरहाजिर रहा। इस बिल को अर्जेंटीना के चैंबर ऑफ डेप्युटी द्वारा पहले अनुमोदित किया जा चुका है।

बुधवार तड़के वोटिंग से पहले अर्जेंटीना के सीनेटरों ने गर्भपात को वैध बनाने के लिए कई घंटों तक बहस की। वोटिंग से पहले सीनेट के बाहर, गर्भपात के समर्थक और विरोधी कार्यकर्ता एकत्र हुए।

इसके साथ ही अर्जेंटीना गर्भपात को वैध बनाने वाला सबसे बड़ा लैटिन अमेरिकी देश बन गया। लैटिन अमेरिका में सिर्फ उरुग्वे, क्यूबा, गुयाना, मैक्सिको सिटी में गर्भपात वैध है।

अर्जेंटीना में अब तक महिलाओं और उन लोगों को दंडित किया जाता था, जो उन्हें गर्भपात करने में मदद करते थे। केवल दुष्कर्म या मां के ऊपर खतरे में इसकी अनुमति थी। हालांकि कुछ प्रांतों में इनका भी सम्मान न करने के आरोप लगते रहे हैं।

हर साल होते हैं लाखों अवैध गर्भपात

सरकार का कहना है कि करीब 4.4 करोड़ की आबादी वाले अर्जेंटीना में एक साल के भीतर 3.7 लाख से 5.2 लाख अवैध गर्भपात होते हैं।

हर अवांछित बच्चा ईश्वर का 

अर्जेंटीनी मूल के पोप फ्रांसिस ने गर्भपात को वैध करने पर विरोध जताया था। सीनेट में बहस से पहले पोप ने ट्वीट कर कहा था, ईश्वर के बेटे ने भी ये बताने के लिए अवांछित ही जन्म लिया था कि हर अवांछित बच्चा ईश्वर का है। 

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