
लखनऊ। उप्र शासन ने विकास प्राधिकरण व आवास विकास से सम्पत्तियों के आवंटन, निरस्तीकरण तथा उनकी फिर से बहाली की नई नियमावली बनाई है। प्लॉट, मकान व फ्लैट खरीदने वालों के आवंटन अब तीन नोटिस के बाद ही निरस्त होंगे।
भुगतान की समय अवधि पूरी होने के 30 दिन के बाद आवंटी को पहली नोटिस भेजी जाएगी। 60 दिन बाद दूसरी तथा 90 दिन बाद तीसरी नोटिस भेजी जाएगी। इसके बाद आवंटन निरस्त होगा।
अभी संपत्तियों के आवंटन, उनके निरस्तीकरण तथा पुनर्बहाली के लिए कोई स्पष्ट नियमावली नहीं है। अलग-अलग विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद अपने हिसाब से नियम बनाकर आवंटन निरस्त करते हैं लेकिन अब शासन ने सभी के लिए एक नियमावली तैयार कराई है।
सचिव आवास व आवास आयुक्त अजय चौहान की अध्यक्षता में इसके लिए कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने प्रस्ताव तैयार कर अपनी पूरी रिपोर्ट आवास विभाग को उपलब्ध करा दी है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने इसके लिए 22 मार्च को सभी विकास प्राधिकरण के साथ शासन के अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
जिस खरीददार की सम्पत्ति का आवंटन निरस्त हो जाएगा वह एक महीने के भीतर इसकी पुनर्बहाली भी करा सकेगा। पुनर्बहाली के लिए पंजीकरण धनराशि का 20% अलग से देना होगा। डीएम सर्किल रेट या फिर बाजार कीमत पर ही इसकी पुनर्बहाली होगी।
30 दिन से ज्यादा होने पर आवेदन का अधिकार भी खत्म हो जाएगा। संबंधित विभाग के अधिकारी केवल उन संपत्तियों की ही पुनर्बहाली कर सकेंगे जिनका आवंटन निरस्त हुआ होगा।
दो महीने में दूसरे को बेच सकेंगे
विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद जिन संपत्तियों का आवंटन निरस्त करेंगे उन्हें वह दूसरे लोगों को बेच भी सकेंगे लेकिन इसके लिए उन्हें दो महीने इंतजार करना होगा। दो महीने बाद वह लाटरी या फिर नीलामी के माध्यम से इन संपत्तियों को नए लोगों को बेच सकेंगे।