अमेरिका: डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर प्रतिनिधि सभा आज करेगी मतदान

वॉशिंगटन। अमेरिका की कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) पर पिछले सप्ताह हुए हिंसक हमले के मद्देनजर निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर डेमोक्रेटिक नेताओं के नियंत्रण वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा बुधवार को मतदान करने के लिए तैयार है।

महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान के साथ ही ट्रंप अमेरिका के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति बन सकते हैं जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग चलाया गया। 

सांसदों जैमी रस्किन, डेविड सिसिलिने और टेड लियू ने महाभियोग का प्रस्ताव तैयार किया है जिसे प्रतिनिधि सभा के 211 सदस्यों ने सह-प्रायोजित किया। इसे सोमवार को पेश किया गया था।

इस महाभियोग प्रस्ताव में निर्वतमान राष्ट्रपति पर अपने कदमों के जरिए छह जनवरी को ‘‘ राजद्रोह के लिए उकसाने’’ का आरोप लगाया गया है। 

इसमें कहा गया है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग (संसद परिसर) की घेराबंदी के लिए तब उकसाया, जब वहां इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती चल रही थी

और लोगों के धावा बोलने की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई। इस घटना में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई।

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने मंगलवार रात को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई के प्रबंधकों को नियुक्त किया। इसके मुख्य प्रबंधक सांसद रस्किन हैं।

उनके अलावा डियाना डीगेटे, स्टेसी प्लास्केट, मैडेलीने डियान, डेविड सिसिलिने, टेड लियू और जो नेगुसे इसके प्रबंधक हैं।

पेलोसी ने कहा कि राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग चलाने और उन्हें हटाने के लिए मामले को पेश करना उनका (प्रबंधकों) संवैधानिक कर्तव्य है। 

प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप को उनके पद से हटाने के लिए अमेरिका के निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस से 25वां संशोधन लागू करने की अपील करने का प्रस्ताव पारित किया, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। पेंस ने 25वें संशोधन को लागू करने से इनकार कर दिया है।

पेंस ने प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हमारे संविधान में, 25वां संशोधन सजा देने या अधिकार छीनने का जरिया नहीं है। इस प्रकार से 25वां संशोधन लागू करना खराब उदाहरण पेश करेगा।’’

इससे पहले प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति के अध्यक्ष जेरोल्ड नैडलर ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के लिए 50 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें महाभियोग चलाने के लिए मजबूत आधार पेश किए गए हैं।

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