पीएफआइ का गढ़ बन रहा है बहराइच, दंगा भड़काने को यहीं के मसूद ने जुटाया था फंड

नोएडा (उप्र)। हाथरस कांड के सम्बन्ध में नोएडा एसटीएफ की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। कांड के दौरान सांप्रदायिक दंगा भड़काने के लिए बहराइच के रहने वाले मसूद ने फंड जुटाया था।

उप्र की सीमा पर स्थित अंतिम जिला बहराइच कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआइ) व पापुलर फ्रंट इंडिया (पीएफआइ) संगठन का नया गढ़ बन रहा है।

वहां पर युवाओं को संगठन में शामिल करने और सांप्रदायिक दंगा भड़काने के लिए बरगलाया जा रहा है। जिसका खुलासा नोएडा एसटीएफ की जांच में हुआ है औऱ इसको लेकर जांच भी तेज हो गई है। 

हाथरस में एक दलित युवती की हत्या का मामला पूर देश में सुर्खियों में बना रहा था और इस हत्या का आरोप गांव के ही युवकों पर लगा था।

वर्तमान में इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। हाथरस यह कांड जब तूल पकड़े हुआ था तो उस दौरान सात अक्तूबर को मथुरा के मांट से चार युवकों को गिरफ्तार किया गया था।

जिनके नाम अतिकुर्ररहमान, आलम, सिद्दीकी व मसूद से एसटीएफ नोएडा यूनिट ने पूछताछ की थी और इस पूछताछ में अहम जानकारियां मिली हैं। एसटीएफ ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की है।

एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार इनसे पूछतााछ में जो तथ्य मिले हैं उन की पुष्टि रऊफ शरीक ने भी की है। उसकी गिरफ्तारी रविवार को त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट से हुई है।

रऊफ, मसूद और अतिकुर्ररहमान के बीच बैंक खातों में करोड़ों का ट्रांजक्शन मिला है, जिसका प्रयोग दंगा भड़काने में किया जाना था। वर्तमान में मामले की जांच यूपी एसटीएफ कर रही है।

पुलिस ने भी कहा था साजिश के लिए जा रहे थे हाथरस

चारो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस ने कहा था कि हाथरस में दंगा भड़काने के मकसद से दिल्ली से पीएफआइ-सीएफआइ के सदस्य अतिकुर्ररहमान, आलम, सिद्दीकी व मसूद बीते सात अक्टूबर को हाथरस जा रहे थे।

पुलिस की तरफ से दर्ज मुकदमे में भी कहा गया था कि बड़ी साजिश के तहत चारों आरोपित हाथरस जा रहे थे। उनके कब्जे से बरामद लैपटॉप व छह मोबाइल फोन में कुछ अहम जानकारी मिली थी।

उनके कब्जे से ‘आई एम नॉट इंडियन डॉटर’ पंफ्लेट बरामद किए गए थे जो कि सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाने वाले एवं जन विद्रोह भड़काने वाले थे।

जांच में मिले फर्जी कंपनियों के नाम खाते

एसटीएफ नोएडा यूनिट ने जब आरोपितों से पूछताछ की तो कुछ अहम जानकारियां मिली हैंं। कुछ फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक में खाते खुलवाए गए थे।

उनका प्रयोग दंगा भड़काने के लिए विदेश से मिलने वाली मोटी रकम के लिए किया जाता है। भारत में उन खातों का प्रयोग मसूद, अतिकुर्ररहमान व रऊफ कर रहे थे।

यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया आरोपितों से रिमांड पर हुई पूछताछ में कुछ अहम जानकारी हाथ लगी है।

रऊफ व पूर्व में मथुरा में पकड़े गए संगठन के सदस्यों के बीच मोटी रकम का लेन-देन होने की भी जानकारी मिली है, हर बिदु पर टीम जांच कर रही है। 

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