
नई दिल्ली। अरसे से पश्चिम बंगाल में अपने पैर ज़माने की कोशिश में लगी भारतीय जनता पार्टी को वैसे तो 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सांसदों के रूप में अच्छी सफलता हाथ लगी थी, लेकिन अब पार्टी की नजर अगले साल होने वाले के विधानसभा चुनावों पर टिकी हुई है।
पहले बिहार विधानसभा फिर हैदराबाद नगर निगम फतह करने के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं। दोनों ही चुनाव में बीजेपी को मिली कामयाबी का श्रेय पार्टी आलाकमान की रणनीति को दिया जा रहा है।
बंगाल में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने भी अभी से कमर कस ली है। बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय और अमित मालवीय को क्रमश: प्रभारी और सह प्रभारी बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि राज्य के लोगों ने बीजेपी के विकल्प के रूप में देखना शुरू कर दिया है। अगले छह महीने के अंदर बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पार्टी नेतृत्व ने संगठनात्मक क्षमता पर भरोसा करते हुए एक बार फिर कैलाश विजयवर्गीय पर दांव खेला है और उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के साथ पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है।
बता दें कि साल 2014 में उन्हें बीजेपी ने हरियाणा चुनाव का प्रभारी बनाया था। उस वक्त बिना सीएम उम्मीदवार के चेहरे पर चुनाव लड़ रही बीजेपी ने हरियाणा में बहुमत हासिल किया।
इसके बाद पार्टी में कैलाश विजयवर्गीय का कद और बढ़ गया और उन्हें केंद्रीय टीम का हिस्सा बना लिया गया। अमित शाह जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय को राष्ट्रीय महासचिव बनाया था।
इसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल के चुनाव को देखते हुए वहां की जिम्मेदारी भी दी गई थी। पार्टी ने एक बार फिर कैलाश विजयवर्गीय पर भरोसा जताया है।
पार्टी को उम्मीद है कि इस बार के चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय की रणनीति बंगाल में बीजेपी का परचम लहराएगी।
पश्चिम बंगाल का चुनाव इस बार केवल चुनावी मैदान में ही नहीं लड़ा जाएगा। इस बार बंगाल में भी सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेगी।
यही कारण है कि चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने आईटी सेल के हेड अमित मालवीय को पश्चिम बंगाल का सह प्रभारी बनाया है।

पश्चिम बंगाल का चुनाव बीजेपी के लिए मात्र बहुमत हासिल करने तक नहीं है वह लोगों की सोच में बदलाव लाना चाहती है।
बीजेपी पश्चिम बंगाल की जनता के बीच एक और पार्टी का विकल्प खोलना चाहती है। सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी बंगाल की जनता को ये बताना चाहती है कि बीजेपी उनके लिए बेहतर विकल्प साबित होगी।
अमित मालवीय और उनका आईटी सेल इस काम में जुट भी गए हैं। सोशल मीडिया के जरिए लगातार तृणमूल कांग्रेस को घेरा जा रहा है।