
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन के बीच भाजपा ने किसानों के बीच जाकर ही उन्हें नए कृषि बिल के बारें में जागरुक करने की योजना बनाई है।
भाजपा के नेता प्रेस कांफ्रेंस,चौपाल और जनसंपर्क आयोजित कर किसानों को इस बिल के बारें में समझाएंगे।
पार्टी ने देश के हर जिले में ये कार्यक्रम तेजी से शुरु कर दिया है। इसके लिए 700 से ज्यादा प्रेस कांफ्रेस, सैकड़ो वेबिनार और गांवों में चौपालों का आयोजन किया जाएगा।
दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने नए कानूनों को लेकर हमारे संगठनों से व्यापक चर्चा नहीं की और हमें धोखे में रखा।
जबकि कृषि मंत्रालय का कहना है कि जून 2020 से नवंबर 2020 तक बीच में हजारों वेबिनार हुए जिसमें एक करोड़ किसानों ने हिस्सा लिया है।
कृषि मंत्रालय के एक अफसर ने बताया अप्रैल में अध्यादेश लाने के बाद किसानों और उनके संगठनों से लंबी चर्चाएं हुईं।
जून 2020 में 708 वेबिनार आयोजित हुए। इसमें 21 हजार से ज्यादा किसान जुड़े थे। जुलाई माह में 873 वेबिनार में 26 हजार किसान को जोड़ा गया था।
वहीं सितंबर माह में कानून पारित होने से पहले भी चार वेबिनार हुए थे। इसमें करीब 1 लाख किसानों ने हिस्सा लिया था।
अक्टूबर और नवंबर माह में लगातार हुए हजारों वेबिनारों में करीब 90 लाख किसानों से इस मामले में चर्चाएं की गईं। जो भी चर्चाएं हुईं इसका पूरा फीडबैक कृषि मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों को भी दिया गया।
कृषि मंत्री रोज मिल रहे हैं किसान संगठनों से
कृषि मंत्रालय में बैठकों का दौर जारी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार किसान संगठनों के नेताओं से नए कानूनों को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
तोमर के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी संगठनों से चर्चा कर उन्हें नए कानूनों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।