
चंदौली को दस व तीन और जिलों को मिला तीन करोड़ का अतिरिक्त फंड
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी आकांक्षात्मक जनपद विकास की राह पर तेजी से अग्रसर हैं।
आकांक्षात्मक जनपद उन्हें कहा जाता है जिन्हें विकास के मामले में पिछड़े होने के कारण विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया जाता है।
यूपी के आकांक्षात्मक जनपदों में चंदौली, बलरामपुर, चित्रकूट और फतेहपुर जिले ने विकास कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
नीति आयोग की ओर से इन जिलों को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है। इससे इन जिलों में हो रहे विकास कार्यों में और तेजी आएगी। इसमें चंदौली जिले को सबसे अधिक बजट आवंटित किया गया है।
नीति आयोग की ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में चंदौली जिले ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण सहित अनेक मानकों पर शीर्ष स्थान हासिल किया है। आयोग की ओर से चंदौली जिले को दस करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है।
यहां पर विकास कार्यों के साथ जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, कृषि, कौशल विकास व रोजगार, स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के लिए उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है।
इसके अलावा प्रदेश के तीन और जिलों बलरामपुर, चित्रकूट, फतेहपुर को भी विभिन्न योजनाओं में अच्छी रैंकिंग हासिल करने पर 3 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड दिया गया है।
आयोग की ओर से अतिरिक्त बजट का आवंटन अगस्त और सितंबर 2020 में हुए विकास कार्यों के आधार पर किया गया है।
बलरामपुर ने शिक्षा क्षेत्र में अच्छी रैंक हासिल की है, वहीं चित्रकूट ने वित्तीय समावेशन और कौशल विकास में अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, फतेहपुर जिले ने कृषि और जल संसाधनों में अच्छी रैंक हासिल की है।
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग विभिन्न विकासात्मक मापदंडों के माध्यम से रैंक हासिल करने वाले आकांक्षात्मक जिलों को अतिरिक्त धन आवंटन करता है। विकास के मामले में पिछड़े जिलों को नीति आयोग ने आकांक्षात्मक घोषित किया था।
स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि, मूलभूत सुविधाएं और कौशल विकास के क्षेत्र में सुधार की कवायद शुरू हुई। आयोग के सुझाव के अनुसार इन विभागों में विकास की खास पहल की गई।
कार्यक्रम के पहले चरण में देश के 115 आकांक्षात्मक जिलों की सूची में उत्तर प्रदेश के आठ जिले शामिल किए गए हैं। इसमें बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर और चित्रकूट शामिल हैं।
अतिरिक्त आवंटन का लाभ प्राप्त करने वाले चारों आकांक्षात्मक जिलों के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टरों ने 30 नवंबर तक कार्ययोजना का प्रस्ताव कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (पीएमयू) को सौंपना है।