सकारात्मक भाव और ईमानदारी से की गई कोशिश होती है फलीभूत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित प्रदेश के पांच होनहार बच्चों को प्रदेश की इंद्रधनुषी प्रतिभा, क्षमता और विशिष्टता की पहचान कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि वीरता, विद्वता, इनोवेशन, खेल, कला और संगीत के विलक्षण प्रतिभासंपन्न इन बच्चों ने स्वयं को पहचाना और फिर अपनी विशिष्टता को उत्कृष्ट बनाने के लिए भरपूर प्रयास किया। नतीजा, आज राष्ट्र इन पर गौरवान्वित है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन बच्चों को मिला यह राष्ट्रीय सम्मान प्रदेश के अन्य बच्चों के लिए प्रेरणादायी होगा। सीएम योगी, शनिवार को अपने सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार:2021 के लिए चयनित प्रदेश के पांचों बच्चों का सम्मान कर रहे थे।

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सभी प्रकार के राष्ट्रीय पुरस्कारों के चयन में पारदर्शिता आई है। पद्म सम्मान हों या बाल पुरस्कार, योग्यता के अनुरूप ही चयन किया जा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को ₹51,000 की प्रोत्साहन राशि, टैबलेट और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। पुरस्कार लेते हुए बच्चों का उत्साह और अभिभावकों के चेहरे पर गौरव के भाव साफ पढ़े जा सकते थे।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 में उत्तर प्रदेश के जिन पांच बच्चों का चयन हुआ है उनमें लखनऊ के व्योम आहूजा, बाराबंकी के कुंवर दिव्यांश सिंह, गौतमबुद्धनगर के चिराग भंसाली, अलीगढ़ के मोहम्मद शादाब और प्रयागराज के मोहम्मद शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बाल पुरस्कार विजेताओं से 25 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की थी।

सबको मिलता है अवसर, बस टर्निंग पॉइंट पहचानें:

कार्यक्रम में मौजूद बच्चों के अभिभावकों को विशेष रूप से बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी में कुछ न कुछ अलग है-खास है। इस खासियत को समाज के सामने लाने की जरूरत है। इसमें अभिभावकों का प्रोत्साहन आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को जीवन मे एक अवसर मिलता है। इसे ही ‘टर्निंग पॉइन्ट’ कहते हैं।समय पर यदि इसकी पहचान कर ली गई, तो महानता प्राप्त होना तय है। उन्होंने बच्चों से जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की शिक्षा देते हुए कहा कि नकारात्मकता से सामान्य लक्ष्य भी प्राप्त नहीं किए जा सकते।

 ‘श्रीमद्भागवतगीता के निष्काम कर्म’ के संदेश का उद्धरण देते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों से जीवन के सभी प्रयासों में ईमानदारी का भाव रखने की सीख भी दी।

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