
लखनऊ। आज हमारा देश कोरोना महामारी के खिलाफ जंग जीतने के करीब है। यह जंग आसान नही थी, इसको आसान बनाया उन तमाम लोगों ने जिन्हें आज हम कोरोना योद्धा के नाम से जानते हैं। इन्ही कुछ कोरोना योद्धाओं को आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक होटल में सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कोरोना महामारी के भीषण दौर में भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि हमारी ताकत क्या है।
जब दुनिया के बड़े और विकसित देश महामारी से त्राहिमाम कर रहे थे, भारत में संक्रमण की दर सबसे कम थी जो आज भी सबसे कम है।
राज्यपाल ने कहा भारत की जनता और समाज के लिए सर्वस्व न्योछावर करने का इरादा रखने वाले इन जैसे तमाम कोरोना योद्धाओं ने महामारी की इस बेहद कठिन लड़ाई को जीतने में अपना महती योगदान दिया है। इनका सम्मान करके मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ।
कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित होने वाले poct group के एमडी सौरभ गर्ग ने कहा कोरोना से जंग जीतने में जो कामयाबी मिली है वो सामूहिक प्रयास का परिणाम है। सम्मान पाकर अभिभूत हूँ और वादा करता हूँ कि देश व समाज को जब भी मेरी जरूरत होगी मैं खड़ा रहूँगा।
बता दें कि कोरोना काल में poct group ने एंटीजन, RTPCR व अन्य टेस्टिंग किट सबसे पहले बनाई।
साथ ही CSR के तहत बिहार व उप्र मेडिकल कॉरपोरेशन को VTM कोविड टेस्टिंग किट व PCR किट, लखनऊ के SGPGI को PPE किट व CCTV कैमरे, एवं KGMU को bsl lab निःशुल्क प्रदान किया।
कोरोना काल में आमजन व जरूरतमंदों के लिए poct group ने धन्वन्तरी संस्था के साथ मिलकर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों को भोजन कराया।
कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित होने वाले मेधज टेक्नोकांसेप्ट प्रा.लि. के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक डॉ. समीर त्रिपाठी ने कहा कोरोना से जंग अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। हमें सावधानियां अभी भी बरतनी है व कोरोना गाइडलाइन का पूर्णतया पालन करना है।
महामारी के इस भयंकर मंदी वाले दौर में भी मेधज टेक्नोकांसेप्ट ने 27 प्रांतों के अपने लगभग तीन हजार कर्मचारियों में से न तो किसी को निकाला और न ही एक रुपया वेतन काटा।
कोरोना काल में डॉ. समीर त्रिपाठी की टीम लगातार रोड पर निकलकर जरूरतमंदों के लिए भोजन, मास्क व सैनीटाईजर जैसी आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था करती रही, जो आज भी जारी है।
सम्मानित होने वाले एक और कोरोना योद्धा नेक्सेरा प्रोजेक्ट्स प्रा.लि. के निदेशक अद्वैत सिंह मानू थे। कोरोना काल में अद्वैत सिंह मानू ने न सिर्फ अप्रवासी मज़दूरों के ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था की बल्कि उनके आने जाने के लिए यथोचित साधन की भी व्यवस्था की।
अद्वैत सिंह मानू का कहना था कि जो देश और समाज हमे इतना कुछ देता है उसके लिए कुछ करना हमारा धर्म है।
देश व समाज पर आई इतनी बड़ी मुसीबत में मूकदर्शक बन कर नहीं बैठ सकते। इस भयंकर परेशानी के वक़्त देश व समाज के लिए कुछ करके हम कोई एहसान नही बल्कि अपना फर्ज़ निभा रहे हैं।
सम्मानित होने वाले एक और कोरोना योद्धा सवारिआ इंडस्ट्रीज प्रा.लि. के राजू अग्रवाल थे जिनकी आटा, मैदा, सूजी, दलिया एवं बेसन आदि का उत्पादन करने वाली फैक्ट्री कोरोना काल में एक दिन भी बंद नहीं रही।
इन जीवनोपयोगी वस्तुओं की इस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी। इस दौरान राजू अग्रवाल ने न तो किसी श्रमिक को निकाला और न ही वेतन कटौती की।
इसके अलावा मुख्यमत्री पीड़ित सहायता कोष में भी यथासंभव योगदान दिया। साथ ही कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले अप्रवासी मजदूरों के लिए लखनऊ में कई स्थानों पर खाने के स्टाल लगवाए। प्रतिदिन 1000पैकेट राहत सामग्री किट बंटवाई जिसमे सभी जीवनोपयोगी वस्तुए मौजूद थीं।
राजू अग्रवाल का कथन है कि मुसीबत के इस समय में जिससे जो बन पड़ा उसने देश के लिए किया। हमने भी जो किया अपना फ़र्ज़ समझकर किया। ये सम्मान और ज्यादा करने को प्रेरित करेगा।