पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे से पेट्रोलिंग नहीं करेंगे भारत और चीन: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति को लेकर बयान दिया। रक्षा मंत्री ने एलएसी पर दोनों देशों के बीच जारी विवाद के समाधान के रास्ते भी दिखाए।

बता दें कि कल लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी भारत-चीन बॉर्डर की स्थिति को लेकर सदन में सवाल पूछे थे और रक्षा मंत्री से इस आशय में जवाब मांगा था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले साल के बाद से, हमने सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर चीन के साथ संबंध बनाए रखा है। वार्ता के दौरान हमने चीन से कहा कि हम तीन सिद्धांतों के आधार पर इस मुद्दे के समाधान चाहते हैं।

सबसे पहले, दोनों पक्षों पर LAC पर सहमत होना चाहिए और इसका आदर करना चाहिए। दूसरा, वहां की स्थिति एकतरफा बदलने के लिए किसी भी देश द्वारा प्रयास नहीं होना चाहिए। तीसरा, सभी समझौता पूरी तरह से दोनों पक्षों द्वारा सहमति पर होनी चाहिए।

राजनाथ सिंह ने कहा है कि 1962 के बाद से ही चीन के कब्जे में हमारा बड़ा इलाका है। चीन के साथ हमारे निरंतर वार्ता में तय हुआ है कि दोनों देश पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे से पेट्रोलिंग नहीं करेंगे।

भारत-चीन चरणबद्ध तरीके से आगे की तैनाती को हटा देगा। उन्होंने सदन को इस बात से भी अवगत कराया है कि इस वार्ता में भारत ने कुछ नहीं खोया है।

रक्षा मंत्री ने कहा पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर कई गतिरोध के केंद्र बने हैं। चीन ने एलएसी के नजदीक हथियार और गोला बारूद एकत्र किया है। हमारे बल भी पर्याप्त और प्रभावी ढंग से किया काउंटर में तैनात किए गए।

हम नियंत्रण रेखा पर एक शांतिपूर्ण स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है।

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