कमजोर पड़ रहा है किसान आंदोलन, सिंघू बॉर्डर से वापस लौट रहे हैं किसान; अपील बेअसर

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चे की अपील के बाद भी किसानों की घर वापसी का सिलसिला नहीं रुक रहा है। आंदोलन स्थल सिंघू बॉर्डर से बृहस्पतिवार को भी बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का पंजाब की ओर जाना जारी है।

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब दो महीने से चल रहे किसानों का आंदोलन गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा के बाद अब कमजोर पड़ता दिख रहा है।

दिल्ली हिंसा को देखते हुए दिल्ली-नोएडा रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया।

भाकियू (लोकशक्ति) ने भी खत्म धरना कर दिया है।  24 घंटे में किसानों के 3 गुट संयुक्त किसान मोर्चे अलग हो चुके हैं। अब चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया।

वहीं, दिल्ली-गाजियाबाद रोड पर भी यातायात बहाल हो गई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि एनएच-24 खोल दिया गया है, जिससे दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला रूट बहाल हो गया है।

बागतप से हटाए गए प्रदर्शनकारी किसान

बागपत में जिला प्रशासन की ओर से बुधवार रात प्रदर्शनकारी किसानों को हटाया गया। बागपत के एडीएम ने कहा कि एनएचएआई ने एक पत्र लिखकर काम को पूरा करने का अनुरोध किया था। किसानों के प्रदर्शन की वजह से एनएचएआई के काम में देरी हो रही थी।

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