
लखनऊ। आज हमारा देश कोरोना महामारी के खिलाफ जंग जीतने के करीब है। यह जंग आसान नही थी, इसको आसान बनाया उन तमाम लोगों ने जिन्हें आज हम कोरोना योद्धा के नाम से जानते हैं। इन्ही कुछ कोरोना योद्धाओं को आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक होटल में सम्मानित किया।
कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित होने वाले मेधज टेक्नोकांसेप्ट प्रा.लि. के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक डॉ. समीर त्रिपाठी ने कहा कोरोना से जंग अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। हमें सावधानियां अभी भी बरतनी है व कोरोना गाइडलाइन का पूर्णतया पालन करना है।
महामारी के इस भयंकर मंदी वाले दौर में भी मेधज टेक्नोकांसेप्ट ने 27 प्रांतों के अपने लगभग तीन हजार कर्मचारियों में से न तो किसी को निकाला और न ही एक रुपया वेतन काटा। यह कंपनी पॉवर, वाटर व आईटी सेक्टर में कार्य करती है।
कोरोना काल में डॉ. समीर त्रिपाठी की टीम लगातार रोड पर निकलकर जरूरतमंदों के लिए भोजन, मास्क व सैनीटाईजर जैसी आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था करती रही, जो आज भी जारी है।
इस महामारी के दौरान लोगों को आध्यात्म और भगवान की सत्ता सबसे ज्यादा समझ में आई। डॉ. समीर त्रिपाठी ने अध्यात्म व मैडीटेशन में अपनी बेहद रूचि होने के कारण भगवतगीता, शिवश्त्रोत आदि मन्त्रों को अपनी आवाज में गाकर कम्पनी के लोगो को जागरूक करते रहे। नतीजा ये रहा कि कंपनी के लगभग सभी लोग कोविड-19 के प्रकोप से बचे रहे।
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कोरोना महामारी के भीषण दौर में भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि हमारी ताकत क्या है।
जब दुनिया के बड़े और विकसित देश महामारी से त्राहिमाम कर रहे थे, भारत में संक्रमण की दर सबसे कम थी जो आज भी सबसे कम है।
राज्यपाल ने कहा भारत की जनता और समाज के लिए सर्वस्व न्योछावर करने का इरादा रखने वाले इन जैसे तमाम कोरोना योद्धाओं ने महामारी की इस बेहद कठिन लड़ाई को जीतने में अपना महती योगदान दिया है। इनका सम्मान करके मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ।