
नई दिल्ली/गाज़ियाबाद। केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आन्दोलन की सरकार के साथ आठवें दौर की वार्ता विफल होने के बाद किसानों के तेवर तल्ख हो गए हैं।
किसानो ने हुंकार भरी है कि वे तीनों कानूनों के खत्म हुए बगैर वापस नहीं जाएंगे और आंदोलन को तेज किया जाएगा।
इस बीच आंदोलन के 44वें दिन यूपी गेट पर देश खाप के चौधरी सुरेंद्र ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार तीनों कानून वापस लेकर मांगों को नहीं मानती है तो फिर 26 जनवरी को दिल्ली में किसान एक लाख ट्रैक्टरों के साथ परेड करेंगे।
26 की परेड में जवानों और किसानों को पूरा देश एक साथ देखेगा। उन्होंने कहा कि सरकार जब अपनी जिद पर है तो किसान भी सड़कों पर आंदोलन में बैठा है।
देश खाप के चौ. जोगेंद्र सिंह सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रैक्टरों से परेड की तैयारी शुरू कर दी गई है।
खाप के थांबेदार रामकुमार ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को मानने में जितनी देर कर रही है, उसका उतना ही नुकसान होगा।
भाकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च जैसा ट्रेलर पूरी दुनिया में कभी किसी ने नहीं देखा होगा। किसानों को पता चला गया है कि दिल्ली अब कब्जे में कैसे आएगी।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब चौ. महेंद्र सिंह टिकैत 350 बार जेल जा सकते हैं तो वह भी सरकार के साथ 350 बार वार्ता कर सकते हैं।
सरकार अगर किसानों को एक-एक किलो सोना भी देगी तो भी किसान मानने वाला नहीं है। देश का किसान सिर्फ तीनों कानूनों को वापस होने पर ही मानेगा।