जातिवादी व्यवस्था पर पहली चोट, लखनऊ में कट गया ‘सक्सेनाजी’ का चालान

लखनऊ। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश पर वाहनों पर जातिसूचक शब्द लिखने के मामले में पहला चालान लखनऊ में हुआ है। लखनऊ की नाका पुलिस ने जिस कार का चालान किया उस पर ‘सक्सेनाजी’ लिखा हुआ था।

पुलिस के मुताबिक़ यह कार कानपुर के आशीष सक्सेना की है। यह कार्रवाई जातिसूचक शब्दों के वाहनों पर इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश के तहत की गयी है।

नाका कोतवाली में तैनात दरोगा दीपक कुमार दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन के पास चेकिंग कर रहे थे। इसी समय वहां से गुजर रही एक कार को रोका।

जांच में पता चला कि कानपुर निवासी आशीष सक्सेना की है। उनकी कार के पिछले शीशे पर ‘सक्सेनाजी’ लिखा था। इस पर पुलिस ने कार का चालान एमवी एक्ट की धारा-177 के तहत काट दिया।

पीएमओ के आदेश पर हो रही है कार्रवाई

बता दें कि महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु के लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ऐसे वाहनों को सीज करने के निर्देश पर जारी किए हैं जिस पर जातिसूचक शब्द लिखे रहते हैं।

मुंबई के उपनगर कल्याण के रहने वाले शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस तरफ दिलाया था।  

आईजीआरएस पर पीएम मोदी से की गई शिकायत में हर्षल प्रभु ने यूपी में दौड़ते ‘जातिवादी’ वाहनों को सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा बताया था।

उन्होंने लिखा कि उप्र व कुछ अन्य राज्यों में वाहनों पर जाति लिखकर लोग गर्व महसूस करते हैं। इससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचता है। यह कानून के खिलाफ है।

उप्र में कार-बाइक, बस-ट्रक ही नहीं ट्रैक्टर और ई-रिक्शा तक पर ‘ब्राह्मण’, ‘क्षत्रिय’, ‘जाट’, ‘यादव’, ‘मुगल’, ‘कुरेशी’ लिखा हुआ दिख जाता है।

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