
लखनऊ। पूर्व आईएएस अधिकारी व भाजपा के MLC पद के प्रत्याशी अरविंद कुमार शर्मा ने आज महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाक़ात की। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी।
गौरतलब है कि अभी दो दिन पूर्व ही 14 जनवरी को अरविंद कुमार शर्मा ने उप्र भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। 1998 के गुजरात कैडर के चर्चित आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी माना जाता है।
भारतीय जनता पार्टी ने उनकी योग्यता को देखते हुए उप्र विधान परिषद् चुनाव में उन्हें पार्टी का प्रत्याशी बनाया है।
विदित हो कि भूमिहार समाज से आने वाले उप्र के मऊ जनपद के ग्राम काजा खुर्द के मूल निवासी अरविंद कुमार शर्मा गुजरात में सन् 2001 से 2013 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर में रहे।
नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद उन्हें 2014 पीएमओ में लाया गया। पहले वह संयुक्त सचिव के पद पर रहे फिर सचिव बने। कुछ समय पहले पीएम मोदी ने उन्हें एमएसएमई मंत्रालय में सचिव बनाया था।
जहाँ तक उप्र विधान परिषद चुनाव का बात है तो परिषद की 12 सीटें 30 जनवरी को खाली हो रही हैं। इनमें से समाजवादी पार्टी के पास छह सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास तीन, बसपा के पास दो सीटें हैं।
इसके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी की एक सीट खाली है। संख्या बल के हिसाब से इन 12 सीटों में से बीजेपी 10 सीटें जीत सकती है। विधान परिषद की एक सीट के लिए वोट काउंट 32 होगा और 309 विधायकों के साथ बीजेपी आसानी से 9 सदस्यों को भेज सकती है।
इसके बाद भी बीजेपी के पास 21 वोट बचे रह जाएंगे। 9 विधायकों वाले अपना दल की मदद से बीजेपी अपना 10वां उम्मीदवार भी उच्च सदन में भेज सकती है।