
जम्मू। गांधी ग्लोबल फैमिली के शांति सम्मेलन के नाम पर जम्मू में जुटे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इशारों ही इशारों में यह बता दिया कि वह हैं तो कांग्रेस है और उनसे ही कांग्रेस है।
दरअसल नीतियों को लेकर कांग्रेस हाईकमान को कई बार कठघरे में खड़ा कर चुके कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से सात नेता शनिवार को जम्मू में जुटे और अपनी ताकत का हाईकमान को अहसास भी कराया। अवसर था गांधी ग्लोबल फैमिली का शांति सम्मेलन।
राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पहली दफा जम्मू-कश्मीर पहुंचे गुलाम नबी आजाद यह कहने से नहीं चूके कि राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं राजनीति से नहीं। वहीं राज बब्बर ने साफ कर दिया कि यह जी-23 नहीं, गांधी की असली कांग्रेस है।
खास बात यह थी कि मंच पर सभी नेता कांग्रेस के विराजमान थे लेकिन गांधी परिवार का न तो किसी ने नाम लिया और न ही किसी पोस्टर में उनके लिए जगह थी। हर तरफ आजाद के ही पोस्टर छाए थे। एक पोस्टर में इन बड़े नेताओं को भी जगह दी गई।
कांग्रेस को मजबूत देखना चाहती है जी-23
शांति सम्मेलन में कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं परंतु मैं गांधी 23 कहता हूं। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इन्हें आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस मजबूती से खड़ी है।
उन्होंने जी-23 के मकसद को लोगों के समक्ष उजागर करते हुए कहा कि जी-23 कांग्रेस को मजबूत देखना चाहती है। हम इसी पर काम करेंगे।
हम नहीं चाहते थे कि आजाद रिटायर्ड हों
पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि हम में से कोई भी नहीं चाहता था कि गुलाम नबी आजाद संसद से रिटायर्ड हों। वह कांग्रेस को जमीनी स्तर पर जानते हैं। कांग्रेस की असलियत को जानते हैं। मुझे यह बात समझ में नहीं आई कि आज तक कांग्रेस ने उनके अनुभव का लाभ क्यों नहीं उठाया।
कांग्रेस मजबूत होगी, देश मजबूत होगा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं, एक कांग्रेस पार्टी में हैं दूसरों के भीतर कांग्रेस है। गुलाम नबी आजाद भी उन लोगों में से हैं जिनके भीतर कांग्रेस है। हम लोग आज इसलिए इकट्ठा हैं कि कांग्रेस को मजबूत करें। अगर कांग्रेस मजबूत होगी, देश मजबूत होगा।
एक दशक से कमजोर हुई है कांग्रेस
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पिछले एक दशक से कांग्रेस कमजोर हुई है। आज हम सभी नेता यहां पर इसलिए इकट्ठा हुए हैं ताकि कांग्रेस को फिर से मजबूत किया जाए।
जम्मू-कश्मीर पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया
इससे पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी शांति सम्मेलन को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच से छह सालों में उन्होंने तथा उनके अन्य साथियों ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर संसद में काफी कुछ कहा है। चाहे वो जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनना हो या फिर बेरोजगारी का मुद्दा हो, हर बात को कांग्रेस ने संसद में जोरशोर से उठाया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। यहां की उपेक्षा की गई है। उद्योगों को खत्म किया गया है, यहां शिक्षा भी कुछ वर्षों में प्रभावित हुई है।
आजाद ने कहा कि चाहे जम्मू-कश्मीर हो या लद्दाख हम सभी धर्मों, जातियों और लोगों का सम्मान करते हैं। हम बराबरी से हर किसी को सम्मान देते हैं और यही हमारी ताकत है। हम आगे भी इसी तरह से करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 2019 में राज्य का दर्जा छीनकर यहां के लोगों के साथ सही नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर का एक अपना इतिहास है और इस राज्य की अपनी अलग पहचान थी।