
हाथरस। उप्र में हाथरस के कथित गैंगरेप और हत्या मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चारों आरोपियों पर गैंगरेप, हत्या, छेड़छाड़ और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है।
आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि सीबीआई पीड़िता के भाई को साइकोलॉजिकल असेस्मेंट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। साइकोलॉजिकल असेस्मेंट में किसी शिकायतकर्ता या अभियुक्त से मामले से सम्बन्धित सीधे और अप्रत्यक्ष सवाल किए जाते हैं।
इस दौरान उसकी प्रतिक्रियाएं रिकॉर्ड की जाती हैं। इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर शिकायतकर्ता या अभियुक्त के मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्षणों और उद्देश्यों को मापा जाता है।
हाथरस कांड में पीड़िता के भाई ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर चिंता जाहिर की थी।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख देते हुए उस दिन सीबीआई से इस मामले में अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
क्या है हाथरस केस
उप्र के हाथरस जिले में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप हुआ था। 29 सितंबर को पीड़िता की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई थी। इस केस ने पूरे देश को हिला दिया था। इस मामले में सियासत तेज हुई। योगी सरकार को निशाने पर लिया गया।
मामला तब और तूल पकड़ा जब जिला प्रशासन और पुलिस ने जबरन पीड़िता का शव जला दिया और गांव में मीडिया, नेताओ और अन्य लोगों की एंट्री बैन कर दी।
इसके बाद इस घटना को साजिश करार दिया गया। घटना की जांच के लिए एसआईट गठित की गई। इसके बाद सीबीआई और ईडी की एंट्री हुई। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी है।