
गोरखपुर। अपने गृह जनपद गोरखपुर में एक अवैध कब्जे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर चढ़ गए, सहमे प्रशासन ने एक घंटे में जगह खाली कराकर सही व्यक्ति को कब्ज़ा दिला दिया।
असल में गुरुवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान गोलघर खोवा मण्डी निवासी राजेंद्र यादव की पीड़ा सुनकर योगी बिफर गए।
उन्होंने वहां मौजूद एडीएम सिटी से कहा-‘मैंने स्वयं 10 साल पहले खड़े होकर मकान खाली करा राजेंद्र यादव को कब्जा दिलाया था। आपने बिना तथ्यों की जांच-परख किए माफिया को कब्जा दिला दिया। मकान भी ध्वस्त कर दिया। कौन है जो माफियाओं को संरक्षण दे रहा है?’
सीएम से इतना सुनना था कि प्रशासन तत्काल अलर्ट हो गया। एक घंटे के अंदर अवैध कब्जा हटवा दिया। मौके पर रखी ईंटें, सीमेंट, बालू और गिट्टी आदि भी नगर निगम की गाडि़यों से उठवा दिया।
सीएम के आदेश पर प्रशासन के ये तेवर देख अवैध कब्जे का आरोपी प्रभाकर द्विवेदी अपने करीबियों के साथ फरार हो गया।
मिली जानकारी के मुताबिक खोवा मण्डी निवासी राजेंद्र यादव पुत्र भीम यादव ने 1983 में रजिस्टर्ड बैनामा लिया था। बैनामा के बाद वह जमीन पर 40 वर्षो से काबिज थे।
इस बीच प्रभाकर द्विवेदी नाम के एक व्यक्ति ने उनकी जमीन की चौहद्दी दिखा कर जमीन लिखवा ली और प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह कर आरोपी ने कब्जा भी ले लिया।
गुरुवार को जनता दर्शन में राजेंद्र यादव ने सीएम से अपनी पीड़ा बताई तो उन्हें 10 साल पुरानी बात याद आ गई। तब सीएम गोरखपुर के सांसद थे। उन्होंने खुद खोवा मण्डी में जाकर अवैध कब्जेदारों द्वारा मकान पर लगाया ताला तोड़वाया था।
सारा मामला समझने के बाद सीएम ने वहां मौजूद एडीएम सिटी को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद एक घंटे के अंदर प्रशासन ने कब्जा खाली करा दिया। त्वरित कार्रवाई से खुश राजेन्द्र यादव का परिवार अब सीएम के प्रति अपना आभार प्रकट कर रहा है।