टूलकिट केस की फरार आरोपी निकिता जैकब ने खालिस्तान समर्थक नेता से किया था संपर्क, हुई थी ऑनलाइन मीटिंग

नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक मो धालीवाल ने 26 जनवरी से पहले किसान आंदोलन से जुड़े भड़काऊ हैशटैग्स को ट्विटर ट्रेंड में लाने के लिए निकिता जैकब से संपर्क किया था। टूलकिट केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि धालीवाल ने अपने सहयोगी पुनीत के जरिए जैकब से संपर्क साधा था, जो कनाडा का नागरिक है। सूत्रों का कहना है कि टूलकिट डॉक्युमेंट तैयार करने के मामले में अभी कई लोग शिकंज में आ सकते हैं और यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।

सूत्रों के मुताबिक रिपब्लिक डे से पहले एक जूम मीटिंग भी हुई थी। इसमें धालीवाल के अलावा शनिवार को गिरफ्तार की गईं क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि और निकिता जैकब भी शामिल हुए थे।

इस मीटिंग का मकसद रिपब्लिक डे परेड से पहले ट्विटर पर ट्रेंड कराना था। इस मीटिंग के दौरान एक किसान की मौत के बारे में भी बात हुई थी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम 4 दिन पहले निकिता जैकब के घर गई थी और उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की थी।

कौन हैं निकिता जैकब

निकिता जैकब एक कार्यकर्ता और वकील हैं। टूलकिट विवाद छिड़ने पर निकिता ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया था। निकिता ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर खुद का परिचय बंबई उच्च न्यायालय की वकील, पर्यावरणविद और आम आदमी पार्टी से जुड़े होने के तौर पर दिया था।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि विवाद में अपना नाम आने के बाद से निकिता फरार हैं। वह भारत विरोधी अभियानों में भाग लिया करती थीं। उनसे एक बार फिर से पूछताछ की जाएगी लेकिन वह गायब हैं।

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