
नई दिल्ली। नए कृषि कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 70 दिन से किसान आंदोलन जारी है। दूसरी ओर संसद के बजट सत्र के आज तीसरे दिन भी राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर हंगामा हुआ।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की। हालांकि कुछ देर बाद किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बन गई। फिलहाल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा जारी है।
राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। राज्यसभा में पीएम मोदी के सामने आजाद ने ‘बड़े टिकैत’ की मिसाल दी और कहा कि किसानों के सामने तो ब्रिटिश सरकार भी झुक गई थी।
कांग्रेसी नेता बोले, किसानों से लड़कर कुछ नहीं मिलेगा
कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने कहा कि पहले भी किसानों के लिए कानून बनाए गए, जिन्हें किसानों ने पसंद नहीं किया तो उन्हें वापस लिया गया, जब इस बार किसान कृषि कानूनों को पसंद नहीं कर रहे हैं, तो सरकार को वापस लेने चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के लिए किसान और जवान जरूरी हैं। सरकार को किसानों की सुननी चाहिए, उनसे लड़ना नहीं चाहिए। लड़ना है तो पाकिस्तान और चीन से लड़ो, किसानों से नहीं। किसानों से लड़कर कुछ नहीं मिलेगा।