
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों के साथ बहुसंख्यक मुस्लिम समाज द्वारा घटिया व्यवहार के वैसे तो कई मामले सामने आ चुके हैं।
ताजा घटनाक्रम में ईसाई समुदाय की नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म कर जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने की खबर है।
यह जानकारी मुस्लिम युवकों द्वारा अगवा की गई ईसाई समुदाय की नाबालिग बालिका ने यहां के मानवाधिकार संगठन को स्वयं बताई।
पीड़िता ने इन संगठनों की सुरक्षा में पहुंचने पर बताया कि उसके घर के सामने से कुछ लड़कों ने उसका अपहरण करने के बाद एक महीने तक दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे स्थानीय मस्जिद में ले जाकर जबरदस्ती मुसलमान बनाया।
अपहरण के दौरान ही उसे हलफनामे और वीडियो रिकॉर्डिंग में यह बयान देने के लिए मजबूर किया कि वह अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूल कर रही है और अपहरण करने वालों में से एक लड़के से शादी भी अपनी मर्जी से कर रही है।
फैसलाबाद की इस नाबालिग लड़की ने बताया कि उसने कई बार उनके कब्जे से भागने का प्रयास किया, अंतत: 20 नवंबर को वह भागने में सफल रही।
इस दौरान उसके भाई ने उसकी मदद की। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान के अध्यक्ष नवीद वॉल्टर ने बालिका के लिए न्याय की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पुलिस, न्यायपालिका और समाज से यहां के अल्पसंख्यकों को न्याय मिलने की वैसे भी कोई उम्मीद नहीं है। बल्कि अब इस बालिका और इसके परिवार को भीड़ द्वारा जान से मारे जाने का खतरा बढ़ गया है।