पाकिस्तान: सत्ता बचाने में कामयाब हुए इमरान खान, पक्ष में पड़े 178 वोट

इमरान खान (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रहे हैं। शनिवार को नेशनल असेंबली में लगभग एक घंटे तक चले विश्वास मत की प्रक्रिया में इमरान खान के समर्थन में वोट 178 वोट पड़े।

कुर्सी बचाने के लिए इमरान खान को 172 वोटों की जरूरत थी। नेशनल असेंबली के स्पीकर ने घोषणा कर बताया कि इमरान खान की कुर्सी सुरक्षित है।

पाकिस्तान की संसद में शनिवार को इमरान खान सरकार के पक्ष में विश्वास मत का सामना करने पहुंचे। सीनेट चुनाव में मिली हार से किरकिरी होने के बाद उन्होंने विश्वास मत का एलान कर दिया था। हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया।

संसद के अंदर जब इमरान वोटिंग के लिए तैयार हो रहे थे, तब बाहर विपक्षी दलों की प्रेस ब्रीफिंग चल रही थी, जिसे इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के समर्थकों ने निशाना बना डाला।

इमरान समर्थकों ने संसद के बाहर एकत्र  हुए विपक्षी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की। इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी और पीएमएल-एन के दूसरे नेताओं के साथ बदसलूकी भी की।

स्वेच्छा से विश्वास मत का सामना करने वाले इमरान दूसरे पीएम 

इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो नेशनल एसेंबली में अपनी इच्छा से विश्वास मत का सामना किया। नवाज शरीफ ने 1993 में स्वेच्छा से विश्वास मत का सामना किया था। 

इससे पहले संविधान के आठवें संशोधन के तहत 1985 से 2008 तक पाकिस्तान के सभी प्रधानमंत्रियों ने नेशनल असेंबली में विश्वास मत का सामना किया है।

इनमें बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ, मीर जफरुल्लाह जमाली, चौधरी शुजात, शौकत अजीज और यूसुफ रजा गिलानी शामिल है।

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