विंध्यवासिनी मंदिर में बनेगा परिक्रमा मार्ग, पर्यटन, रोजगार व पूंजी निवेश में होगी वृद्धि

मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर परिक्रमा मार्ग हेतु परियोजना के क्रियान्वयन का प्रस्ताव स्वीकृत

लखनऊ/ मिर्जापुर। उप्र मंत्रिपरिषद ने जनपद मिर्जापुर में विंध्यवासिनी मंदिर (कारीडोर) परिक्रमा मार्ग बनाए जाने हेतु परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

मंत्रिपरिषद द्वारा परियोजना की अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु निर्णय लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया गया है। जनपद मिर्जापुर स्थित आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर एक अत्यंत प्रसिद्ध श्रद्धा/आस्था का केंद्र है।

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विंध्याचल स्थित मुख्य मंदिर मां विंध्यवासिनी धाम के चारों तरफ परंपरागत तौर पर श्रद्धालुओं द्वारा परिक्रमा की जाती है परंतु मंदिर परिसर में परिक्रमा मार्ग सीमित एवं संकरा होने के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

विंध्यवासिनी मंदिर (कारीडोर) परिक्रमा मार्ग बन जाने से पर्यटक सुविधाओं में वृद्धि होगी तथा दुर्घटना की संभावना कम की जा सकेगी।

विंध्यवासिनी मंदिर कारीडोर बनाए जाने हेतु मंदिर के आसपास चारों ओर 50 फीट चौड़ाई वाला परिक्रमा पथ बनाया जाएगा।

विंध्य धाम गंगा नदी के तट पर स्थित है, जहां प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी परियोजना अर्थ गंगा के अंतर्गत जल क्रीड़ा एवं साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं।

इसके साथ ही विंध्याचल के समीप अनेक जलप्रपात यथा विंडम फॉल, कुचेरा फॉल, टाटा फॉल आदि भी स्थित हैं जहां पर इको टूरिज्म की अत्यधिक संभावनाएं विद्यमान है।

विंध्य धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकास से यहां पर विभिन्न श्रेणी के पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ पूंजी निवेश में भी वृद्धि होगी।

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