
कच्छ (गुजरात)। एक तरफ कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनरत हैं तो दूसरी ओर केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि इसे लेकर किसानों की बीच भ्रम फैलाया जा रहा है।
इसलिए कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बात करने के लिए सरकार और संगठन सीधे किसानों के पास जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को खुद गुजरात के कच्छ के किसानों के बीच होंगे।
यहां धोरडो में प्रधानमंत्री कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने के साथ कच्छ के कृषक समुदाय से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री गुजरात के सिख किसानों से भी मुलाकात करेंगे।
एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और कच्छ में धोरडो के किसानों और कलाकारों के साथ संवाद करेंगे। मुख्य कार्यक्रम से पहले वह कच्छ के किसानों के साथ चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री जिन परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे उनमें हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा पार्क और स्वचलित दूध प्रसंस्करण और पैकिंग प्लांट शामिल हैं।
इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री सफेद रण का भी दौरा करेंगे। कच्छ के विघाकोट गांव में बनने वाला ऊर्जा पार्क देश का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन पार्क होगा।
राज्य के सूचना विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत-पाक सीमा के पास बसे सिख किसानों को प्रधानमंत्री से संवाद के लिए आमंत्रित किया गया है। कच्छ जिले के लखपत तालुका में और इसके आसपास मिलाकर करीब 5,000 सिख परिवार रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार से किसान संगठनों की अब तक हुई बातचीत बेनतीजा रही है।
प्रदर्शन करने वालों में बड़ी संख्या में पंजाब-हरियाणा के सिख किसान हैं। इसलिए माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री किसानों से इस मुलाकात के जरिए सिख समुदाय और किसानों को संदेश देने की कोशिश करेंगे।