
नई दिल्ली। भारत में जल्द ही कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी जा सकती है। टीकाकरण अभियान की कमियों को पहले ही दूर करने के इरादे से देश के 4 राज्यों में 29 और 30 दिसंबर को किये गए ड्राइ रन को अब पूरे देश में चलाए जाने की तैयारी है।
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो आने वाले शनिवार यानी 2 जनवरी को पूरे देश में ड्राइ रन चलाया जा सकता है। देश में टीकाकरण की व्यवस्थाओं के सटीक आकलन और इसमें आने वाली चुनौतियों को जानने के लिए पूर्वाभ्यास किए जाने को ड्राइ रन कहा जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2 जनवरी से शुरू होने वाले ड्राइ रन के लिए हर राज्य में कुछ केंद्र तय किए जाएंगे। बता दें कि 29 और 30 दिसंबर को चलाए ड्राइ रन की पूरी प्रक्रिया में कोई वैक्सीन शामिल नहीं थी।
इसमें केवल योजना की व्यवहार्यता की जांच होती है, जहां को-विन सह-ऐप के जरिए वास्तविक समय की निगरानी करना शामिल है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि ड्राइ रन में शामिल सभी चार राज्य टीकाकरण अभियान के लिए की गई तैयारियों से संतुष्ट थे।
हालांकि भारत में अभी तक किसी भी कंपनी को कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है। ऐसी खबरे हैं कि केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति (SKSCO) ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे सकती है।
इस तरह पूरा होता है ड्राइ रन
1. यह एक मॉक ड्रिल होती है। टीके को छोड़कर सभी चीजों का परीक्षण किया जाता है। डेटा को को-विन ऐप में फीड किया जाएगा, कोल्ड स्टोरेज का परीक्षण किया जाएगा, कोल्ड स्टोरेज से साइटों तक टीकों के परिवहन, साइटों पर ट्रैफिक प्रबंधन की जाँच की जाएगी।
2. टीकाकरण के लिए, जितनी संभव हो उतनी साइटों का उपयोग किया जाएगा। इसलिए, ड्राय रन भी सभी विभिन्न सेटिंग्स- जिला अस्पतालों, CHC या PHC, शहरी स्थल, निजी स्वास्थ्य सुविधा और ग्रामीण आउटरीच में आयोजित किया जाएगा।
3. अभ्यास का उद्देश्य चुनौतियों की पहचान करना और योजना में आवश्यक परिवर्तन करना है ताकि अंतिम प्रक्रिया में कोई गलती न हो जाए।
4. कार्यक्रम प्रबंधकों को हाथों-हाथ अनुभव मिलेगा कि विभिन्न स्तरों पर सब कुछ कैसे होगा।
5. मॉक ड्रिल में ब्लॉक और जिला स्तरों पर समवर्ती निगरानी और समीक्षा, राज्य और केंद्र के साथ साझा किए जाने वाले फीडबैक की तैयारी शामिल होगी।