योगी सरकार की मुहिम ला रही रंग, रोजगार की राह पर बढ़ रहे महिलाओं के कदम

लखनऊ। योगी सरकार की योजनाओं से प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं की जिन्‍दगी में सकारात्‍मक बदलाव हुए हैं। महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने की कड़ी में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍थापित स्‍वयं सहायता समूह मददगार साबित हो रहें हैं।

इस दिशा में यूपी के सुल्‍तानपुर जिले की तहसील जयसिंहपुर में उत्‍कर्ष महिला स्‍वयं सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाएं काम कर रहीं हैं। ये महिलाएं दूसरी जरूरतमंद महिलाओं का सहारा बन उनको योगी सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं का लाभ दिलाने का भी कार्य कर रहीं हैं।

रीनका सिंह ने बताया कि योगी सरकार की योजनाओं की बदौलत अब गांव की सूरत में बदलाव आया है। पहले जहां चूल्‍हे एक दो दिन तक ठंडे रहते थे

वहीं अब योजनाओं के कारण आमदनी कर परिवारों को बेहतर जीवन स्तर मिल रहा है। महज डेढ़ साल में स्‍वयं सहायता समूह के जरिए 2,500 ग्रामीण महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाया गया है।

इसके साथ ही समूह से जुड़ी महिलाएं बेटियों को सुरक्षा का पाठ पढ़ाने संग सम्‍मान से जीने के लिए उनको शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं।

जिसके तहत अब तक 500 बेटियों का दाखिला प्राथमिक विद्यालयों में करा उनको शिक्षा की मुख्‍यधारा से जोड़ने का काम समूह ने किया है।

छोटे सी पूंजी से की शुरुआत, अब लगे आमदनी को पंख

उन्‍होंने बताया कि योगी सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को ध्‍यान में रखते हुए शुरू की गई योजनाओं का लाभ महिलाओं को मिल रहा है। हम लोगों ने 150 महिलाओं के समूह का गठन कर कम पूंजी में काम की शुरुआत की।

जिसके बाद धीरे धीरे आमदनी बढ़ने लगी। कोराना काल के संकट के बावजूद भी स्‍वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं लगभग 200 से 300 रुपए की प्रतिदिन की कमाई कर रहीं हैं।

जैविक खेती कर गांव में बिखेरी खुशहाली

स्‍वयं सहायता समूहों की ये महिलाएं जैविक खेती कर गांव में खुशहाली बिखेर रहीं हैं। खेती करने के तरीकों में बदलाव कर अब ये दोगुनी तेजी से फसल भी उगा रहीं हैं।

इस काम से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि सब्जियां उगाने से लेकर पारम्परिक खेती करने तक हम लोग अधिकतर जैविक खाद का ही प्रयोग करते हैं।

जलकुम्भी, गोबर ,पुआल समेत दूसरे हरित अवशेषों के प्रयोग से विशेष विधि द्वारा शीवांस खाद का उत्पादन भी स्वयं करते हैं।

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