भारत के सेवा क्षेत्र ने पिछले 15 वर्षों में सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को मज़बूती मिली है। ताज़ा सर्वेक्षण आंकड़ों के अनुसार, आईटी, वित्त, आतिथ्य और रिटेल जैसे क्षेत्रों में तेज़ माँग के कारण यह विस्तार रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा है, भले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं से जूझ रही हो।
तेज़ी के प्रमुख कारण
विशेषज्ञ इस उछाल के पीछे कई कारण बताते हैं:
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महामारी के बाद घरेलू खपत में बढ़ोतरी
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डिजिटल सेवाओं और आईटी निर्यात में वृद्धि
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पर्यटन, यात्रा और होटल व्यवसाय का दोबारा उभरना
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सेवाओं पर आधारित उद्योगों में विदेशी निवेश का प्रवाह
पीएमआई डेटा रिकॉर्ड स्तर पर
सेवा क्षेत्र के लिए परचेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) ने 2010 के बाद से सबसे ऊँचा स्तर छुआ। आम तौर पर 50 से ऊपर का PMI आंकड़ा वृद्धि का संकेत देता है, जबकि भारत का यह आँकड़ा उससे काफी आगे निकल गया।
रोज़गार में बढ़ोतरी
सेवा क्षेत्र की इस तेज़ी से नई नौकरियाँ भी पैदा हुई हैं, खासकर आईटी, वित्तीय सेवाओं और ग्राहक सहायता से जुड़े क्षेत्रों में। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीनों में यह क्षेत्र भारत की बढ़ती युवा कार्यबल का बड़ा हिस्सा समेट सकता है।
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत की जीडीपी का लगभग 55% हिस्सा सेवा क्षेत्र से आता है। ऐसे में यह वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग और कृषि की धीमी रफ्तार की भरपाई कर सकती है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि महंगाई और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता अब भी जोखिम बने हुए हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
वित्त मंत्रालय ने इन आँकड़ों का स्वागत किया और इसे भारत की मजबूत और लचीली अर्थव्यवस्था का संकेत बताया। अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और कारोबार करने में आसानी जैसे सुधारों ने सेवा क्षेत्र को मज़बूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
भारत का सेवा क्षेत्र पिछले 15 वर्षों की सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज कर रहा है। आईटी, वित्त, आतिथ्य और रिटेल जैसे क्षेत्रों में तेज़ माँग और रिकॉर्ड PMI आंकड़ों के चलते यह क्षेत्र न सिर्फ रोज़गार दे रहा है बल्कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा सहारा बनने की ओर है।