
नई दिल्ली। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट पर किसान आंदोलन का असर साफ़ दिखाई दे रहा है. वित्त मंत्री ने आज सोमवार को पेश बजट में कृषि सेक्टर के लिए कई अहम ऐलान किए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट (कृषि ऋण लक्ष्य) को और अधिक बढ़ाए जाने की जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि पिछली बार यह 15 लाख करोड़ रुपये का था।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सभी फसलों पर उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना अधिक एमएसपी दी जा रही है।
उन्होंने कहा हमने बजट में किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं। किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा गेहूं के लिए किसानों को 75,060 और दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान हुआ है। धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है। सरकार कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करेगी।
एमएसपी पर किसानों को सरकार ने बजट के जरिए से एक बार फिर बड़ा संदेश दिया है। वित्त मंत्री ने एमएसपी पर खरीद जारी रखने का आश्वासन दिया है।
सरकार ने उज्जवला योजना में और अधिक लाभार्थियों को बढ़ाए जाने का भी ऐलान किया। मंत्री ने कहा कि मुफ्त रसोई गैस रसोई गैस योजना उज्ज्वला को 1 करोड़ और लाभार्थियों तक बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य पर अभी भी कायम है। प्रधानमंत्री मोदी ने 4 करोड़ से अधिक किसानों, महिलाओं आदि को सीधे नकद राशि दी है।