राजनैतिक वर्चस्व को लेकर हुई गैंगवार का नतीजा है हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या

लखनऊ। लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर में बुधवार शाम को ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि व हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या राजनैतिक वर्चस्व व दबंगई को लेकर हुई गैंगवार की एक कड़ी है।

आगामी पंचायत और एमएलसी चुनाव से भी इस गैंगवार को जोड़कर देखा जा रहा है। अजीत की हत्या के पीछे आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू के हत्यारोपी जेल में बंद ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह का हाथ बताया जा रहा है।

पूर्व विधायक हत्याकांड में अजीत की चार दिन बाद गवाही होनी थी। बताया जा रहा है कि हत्याकांड में अजीत गवाही न दे पाए, इसके लिए उसकी हत्या कराई गई है।

हिस्ट्रीशीटर था अजीत

मऊ के ग्राम देवसीपुर निवासी राधेश्याम सिंह का बेटा अजीत हिस्ट्रीशीटर था। मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली में उस पर हत्या, लूट, छिनैती व मारपीट के दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

यूपी के टॉप टेन माफिया में शामिल हैं कुंटू सिंह

वर्ष 2013 में 19 जुलाई को सगड़ी के पूर्व विधायक सीपू सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुंटू सिंह को यूपी पुलिस ने सूबे की टॉप टेन माफिया की सूची में शामिल किया है।

एसटीएफ ने भी किया मुआयना

गैंगवार की जानकारी पाकर एसटीएफ की टीम ने भी घटना स्थल और लोहिया अस्पताल में जाकर पूरे प्रकरण की जानकारी ली। घायल मोहर सिंह व प्रकाश के बयान तथा सीसी फुटेज के आधार पर पुलिस बदमाशों की शिनाख्त का प्रयास कर रही है।

पुलिस की एक टीम आजमगढ़ रवाना की गई है। बदमाशों ने हमले में .32 पिस्तौल और नाइन एमएम के कारतूस का इस्तेमाल किया था।

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