चिकित्‍सा शिक्षा के क्षेत्र में यूपी ने रचा इतिहास, योगी सरकार का कोरोना प्रबंधन बना उदाहरण

लखनऊ। यूपी में कोरोना प्रबंधन हो या फिर नए मेडिकल कॉलेजों की स्‍थापना प्रदेश की योगी सरकार ने चार सालों में यूपी की चिकित्‍सा शिक्षा का स्‍वरूप बदल दिया है। खास कर नए मेडिकल कॉलेज बनने के बाद प्रदेश में एमबीबीएस की सीटों में काफी इजाफा हुआ है।

इससे प्रदेश के छात्रों को दाखिले के लिए बाहर राज्‍यों के मेडिकल कॉलेज का रूख नहीं करना पड़ रहा है। तीन साल पहले तक प्रदेश में एमबीबीएस की 5,100 सीटें थी, जो अब बढ़ कर 7,150 हो गई हैं।

योगी सरकार ने उत्‍तर प्रदेश को चिकित्‍सा शिक्षा का हब बना दिया है। चिकित्‍सा के क्षेत्र योगी सरकार के उठाए गए कदमों की तारीफ डब्‍लूएचओ से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कई कर चुके हैं।

कोरोना प्रबंधन को लेकर योगी मॉडल की तारीफ अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर की जा रही है। प्रधानमंत्री ने भी यूपी सरकार का कोविड प्रबंधन दूसरों राज्‍यों के लिए उदाहरण बताया था। वर्ष 2017 में प्रदेश के 12 मडिकल कालेजों में 1,840 सरकारी मेडिकल सीट हुआ करती थी।

योगी सरकार ने इसमें इजाफा करते हुए पांच नए मेडिकल कालेज और दो एम्स पिछले वर्ष खोले और दो इस साल खोले हैं। जिसके चलते अब एमबीबीएस की सरकारी क्षेत्र में तीन हजार सीटें हो गई हैं। निजी मेडिकल कालेजों में पहले लगभग 3300 सीटें थी, जो बढ़ाकर अब 4150 हो गई है।

इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से आठ नए मेडिकल कालेज खोलने पर काम चल रहा है, जबकि 14 नए मेडिकल कालेज खोलने की स्वीकृति दे दी गई है। ये अभी मेडिकल कालेज अगले दो-तीन साल में खुल जाएंगे। इससे एमबीबीएस की सीटें भी काफी बढ़ जाएंगी।

कोविड प्रबंधन में किया कमाल

चिकित्‍सा शिक्षा के साथ प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना प्रबंधन में बेमिसाल काम किया है। बेहतरीन कोविड प्रबंधन के चलते डब्‍लूएचओ ने राज्‍य सरकार की जमकर सराहना की है।

प्रदेश में कोरोना पर काबू पाने के लिए यूपी में रोज एक लाख 25 हजार से अधिक रैपिड एंटीजन और 70 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट हो रहें हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य को यह सफलता हासिल हुई है। साथ ही पूर्वांचल में दिमागी बुखार के फैलाव पर अकुंश लगाने में भी प्रदेश सरकार ने सफलता हासिल कर ही है।

नर्सिंग संस्‍थाओं की स्‍थापना में यूपी अव्‍वल

मेडिकल कालेजों के साथ यूपी में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं में भी बड़े पैमाने पर इजाफा किया गया है। तीन साल पहले तक प्रदेश में नर्सिंग स्टाफ का प्रशिक्षण देने वाली करीब 500 संस्थाएं थी, जिसमें 21 हजार सीटें थीं।

अब नर्सिंग संस्थाओं की संख्या बढ़कर करीब 750 हो गई है, जिनमें 36,500 सीटें हो गई हैं। इसके अलावा पैरामेडिकल संस्थाओं को मिलाकर कुल 3056 मेडिकल संस्थान अब प्रदेश में हो गए हैं। इन सबको एक जगह से संबंद्ध करने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।

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