उप्र पंचायत चुनाव: नोड्यूज नहीं लगाया तो रद्द हो सकता है नामांकन, जानिए नया नियम

लखनऊ। उप्र के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने वालों को इस बार सहकारी बैंक व समितियों का पुराना बकाया भी चुकाना होगा।

पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिले के साथ ही उम्मीदवारों को पहली बार सहकारी बैंक या सहकारी समिति का नोड्यूज (अदेय प्रमाणपत्र) भी लगाना होगा। नोड्यूज नहीं लगाया तो चुनाव लड़ने में मुश्किल होगी। नोड्यूज न लगाने वालों का नामांकन रद्द हो सकता है।

जिलाधिकारी ने इस बाबत एक आदेश डीपीआरओ व सभी बीडीओ को भेजा है। सीडीओ प्रभाष कुमार बताते हैं कि सभी ब्लाकों को पत्र जारी किया गया है कि वह नामांकन के समय उम्मीदवारों से सहकारिता का नो ड्यूज लेना सुनिश्चित करें।

चुनाव लड़ने वालों पर पंचायत कर के अलावा अन्य बकाया नहीं होनी चाहिए। नो ड्यूज नहीं लगाने पर नामांकन रद्द भी हो सकता है।

अभी ग्राम पंचायत व जिला पंचायत का लगता है नो ड्यूज

अभी तक पंचायत चुनाव लड़ने वालों को नामांकन पत्र के साथ ग्राम व जिला पंचायत का नो ड्यूज लगाना पड़ता है। इससे यह पता चलता है कि प्रत्याशी के ऊपर पंचायत का कोई कर बकाया नहीं है। पंचायतों में पंचायत कर व जल कर के लिए यह नोड्यूज होता है।

इस बार प्रधान, डीडीसी, बीडीसी, वीडीसी व अन्य अन्य पदों पर चुनाव लड़ने वालों को सहकारी बैंक व समितियों से भी नोड्यूज लेना होगा, जो अभी तक नहीं लगता था।

ऋण की वसूली भी होगी

राजधानी में सहकारी ग्राम विकास बैंक, जिला सहकारी बैंक से वित्तपोषित सहकारी समितियों से ऋण वितरण की वसूली की स्थित बहुत खराब है। इस कारण से एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) खातों की संख्या बढ़ती जा रही है।

पंचायत चुनाव में बड़े बकायेदार या उनके वारिसान व सहभागीदारों पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। इसे देखते हुए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को सहकारी बैंक की सहकारी समितियों से नोड्यूज (अदेय प्रमाणपत्र) लगाने को कहा गया है। 

33 हजार बकाएदार

राजधानी में 33 हजार से अधिक ग्रामीण, जिला सहकारी बैंक व सहकारी समितियों के बकायेदार हैं। इन पर करीब 37.63 करोड़ की देनदारी है। यह ऋण कृषि कार्य के लिए लिया गया था।

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