आयुर्वेद से दूर भगा सकते हैं तनाव, अपनाएं यह उपाय

नई दिल्ली। आज-कल लोगों में तनाव, चिंता, अवसाद, अनिद्रा और आत्महत्या की प्रवृत्ति में काफी बढ़ोतरी हुई है। इन सभी परेशानियों से निजात दिलाने में आयुर्वेद सदैव कारगर रहा है। आयुर्वेद की मदद से आप तनाव से प्राकृतिक रूप से छुटकारा पा सकते हैं। 

ये हैं आयुर्वेद के उपाय   

मालिश-

आयुर्वेद में रोजाना अभ्यंग (तेल मालिश) का अनुष्ठान बताया गया है। जिससे व्यक्ति शारीरिक और भावनात्मक रूप से सेहतमंद बना रहता है। अश्वगंधा और चंदन जैसे हर्बल तेल से मालिश करने से शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

योग-

योग से व्यक्ति अपने तनाव को नियंत्रित करके मन को शांत कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार योग अनुशासन तीन पहलुओं पर केंद्रित है- मन, शरीर और आत्मा। योग सेरोटोनिन, डोपामाइन और ट्रिप्टोफैन जैसे ख़ुश न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को बढ़ाता है और कोर्टिसोल स्तर (तनाव हार्मोन) को कम करता है।

सात्विक आहार-

सात्विक आहार में मौसमी ताज़े फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज, दालें, अंकुरित अनाज, सूखे मेवे, बीज, शहद, ताज़ी जड़ी-बूटियां, दूध, डेयरी उत्पाद आदि शामिल हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, इस तरह के आहार को ग्रहण करनेवाला व्यक्ति शांत, सौहार्दपूर्ण और ऊर्जा से भरा होता है।

हर्ब्स-

कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां मस्तिष्क की क्षमताओं को बेहतर बनाने का काम करती हैं। ब्राह्मी एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है।

यह तंत्रिका तंतुओं के कुशल संचरण में सुधार करके तनाव में लचीलापन बढ़ाता है। इसके अलावा जटामांसी, मंडुकपर्णी, शंखपुष्पी आदि भी कोर्टिसोल के स्तर और तनाव को कम करती है।

नोट-

इस लेख में दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

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