
गोरखपुर। विजयदशमी के दिन मानसरोवर रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कोरोना काल में हमे जान भी बचाना है और जहान भी बचाना है। मुख्यमंत्री की इसी दृष्टि के अनुरूप प्रशासन गोरखपुर महोत्सव की तैयारियों को धार देने में जुट गया है।
एकबार तो यह लगा था कि इस बार गोरखपुर महोत्सव नहीं हो पाएगा लेकिन पूर्वांचल के सतत विकास को लेकर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के दौरान गोरखपुर आए सीएम योगी ने आयोजन को लेकर प्रशासन की चिंताओं को दूर कर दिया है।
मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश के मुताबिक इस बार के महोत्सव में स्थानीय कलाकारों का बोलबाला रहेगा तो साथ ही पर्यटन, योग, दर्शन और उद्यमिता पर सार्थक मंथन भी किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर महोत्सव का फलक विस्तृत हुआ है। भव्य सांस्कृतिक आयोजनों के साथ ही ज्ञानवर्धक प्रदर्शनियों व विकास के विविध आयामों पर विमर्श से इसकी सार्थकता देखते बनती है।
कोरोना के चलते इस बार महोत्सव के आयोजन पर संशय था जिसे सीएम योगी के मार्गदर्शन में दूर कर लिया गया है। इसकी तिथि 12 व 13 जनवरी निर्धारित की गई है।
मुख्य आयोजन स्थल गोरखपुर विश्वविद्यालय होगा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आयोजन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने डीएम के विजयेंद्र पांडियन, सीईओ गीडा संजीव रंजन, अन्य अधिकारियों व उद्यमियों के साथ बैठक कर गोरखपुर महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी आयोजन कोविड प्रोटोकॉल के तहत होंगे। गोरखपुर महोत्सव स्थानीय कलाकारों को प्रतिभा प्रदर्शन का बड़ा मंच प्रदान करेगा।
इस महोत्सव में पर्यटन, ओडीओपी में शामिल रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर, गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन एवं योग तथा गोसंरक्षण विषय पर सेमिनार भी आयोजित कराने पर विचार किया जा रहा है।