उप्र: पंचायत चुनाव व त्यो‍हारों के मद्देनजर ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के मूल मंत्र पर होगा काम

corona testing

लखनऊ। कोरोना काल के दौरान उप्र सरकार ने ‘जान भी जहान भी’ के संकल्‍प को पूरा करने के लिए एक बार फिर से प्रदेश में कोरोना से जंग की अगुआई करने की तैयारी शुरू कर दी है।

महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली और मप्र समेत देश के तमाम राज्‍यों में कोरोना के बढ़ते संकट के बीच मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के दिशा निर्देशानुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत स्‍तर पर और शहरों में वार्ड स्‍तर पर एक–एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी।

ये नोडल अधिकारी कान्‍टेक्‍ट ट्रेसिंग, टीकाकरण, बाहर से आने वाले लोगों की जांच की व्‍यवस्‍था को सुनिश्चित करेंगें। उत्‍तर प्रदेश पहला ऐसा राज्‍य है जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए इस तरह का रणनीति बनाई गई है।

पंचायत चुनाव, पर्व और त्‍योहारों को ध्‍यान में रखते हुए विशेष सर्तकता और सावधानी रखते हुए ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के मूल मंत्र को अपनाते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। प्रदेश में मास्‍क को अनिवार्य करते हुए बिना मास्‍क लगाने वालों पर जुर्माना लगाए जाने के भी आदेश दिए गए हैं।

इसके साथ ही प्रदेश में कोई भी जुलूस और सार्वाजनिक कार्यक्रमों का आयोजन बिना प्रशासन की अनुमति के आयोजित नहीं होगा। जुलूस और सार्वाजनिक कार्यक्रमों में 60 साल से अधिक और 10 साल से कम बच्‍चों व गंभीर बिमारियों से ग्रस्‍त लोग प्रतिभाग नहीं लेंगें।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्णयों व प्रभावी क्रियान्‍वन से कोरोना के पहले हमले को ध्‍वस्‍त कर चुके उप्र ने एक बार फिर से अपनी तैयारियां चाक चौबंद कर ली हैं।

कोविड 19 से निपटने के अपने शानदार प्रबंधन से डब्‍ल्‍यूएचओ समेत पूरी दुनिया में उदाहरण पेश करने वाले उत्‍तर प्रदेश ने इस बार और मजबूत रणनीति तैयार की है।

अन्‍य प्रदेशों में कोविड के बढ़ते प्रसार को देखते हुए सभी जिलों और प्रदेश के आला अफसरों को सतर्क कर दिया है। किसी भी स्‍तर पर फौरन निपटने के आदेश जारी किए गए हैं। कोरोना प्रोटोकाल में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं करने को कहा गया है।

प्रदेश के अन्‍य अस्‍पतालों को भेजा गया अलर्ट

प्रदेश में प्रतिदिन 2 लाख कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में 125 लैब व निजी क्षेत्र में 104 लैब क्रियाशील हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोविड रोगियों के लिए 1.51 लाख से अधिक बेड्स और प्रत्‍येक जनपद में आईसीयू की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था है।

सभी जनपदों में डेडीकेटेड अस्‍पताल संचालित रहेंगें इसके साथ ही भविष्‍य के लिए प्रदेश के अन्‍य अस्‍पतालों को भी नोटिस भेज कोविड से निपटने के लिए समुचित व्‍यवस्‍था को सुनिश्चित करने के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।

प्रदेश में बंदियों की जांच अब अनिवार्य

कोई बंदी जब जेल से बाहर जाएगा तो कारगर प्रशासन को ये सुनिश्चित करना होगा कि कोविड नियमों का पालन किया जा रहा है इसके साथ ही बंदियों के जेल में वापस आने पर उनकी जांच अनिवार्य कर दी गई है।

अन्‍य प्रदेशों से आने वाले लोगों की जांच समेत रेलवे स्‍टेशन, बस स्‍टेशन, रेस्‍त्रां, ठेले-खुमचों, खाने पीने की दुकानों समेत शराब के ठेकों, भांग के ठेकों पर इस महा अभियान के तहत फोकस टेस्टिंग की जा रही है।

कोविड हेल्‍प डेस्‍क, पब्लिक एड्रेस सिस्टम  इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को अलर्ट पर रखा गया है। सार्वजनिक स्‍थानों पर भीड़ भाड़ होने पर पुलिस द्वारा आवश्‍यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके साथ ही कान्‍टेक्‍ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया को गति देते हुए अब प्रदेश में पॉजीटिव पाए जाने वाले व्‍यक्तियों के कान्‍टेक्‍ट में आने वाले औसतन 25 से 30 लोगों को 48 घंटें के भीतर चिन्हित करते हुए उनकी जांच की जाएगी।

प्रदेश के 5,96,101 लोग हुए संक्रमण मुक्‍त

प्रदेश में अब तक 5,96,101 लोग संक्रमण मुक्‍त हो चुकें हैं। वहीं प्रदेश में संक्रमण की शुरूआत से अब तक महज 8764 लोगों की मृत्‍यु हुई है। प्रदेश का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत है।

अब तक यूपी में 3 करोड़ 38 लाख 35 हजार 134 जांच की जा चुकी है। जो कि एक रिकार्ड है। 30 लाख से अधिक लोगों को वैक्‍सीन लग चुकी है।

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