
वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से ही चल रहे सियासी खींचतान में 6 जनवरी बुधवार को ट्रंप समर्थकों ने व्हाइट हाउस और कैपिटल बिल्डिंग के बाहर जबरदस्त हंगामा किया।
इस दौरान ट्रंप समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई है जिसमें अब तक एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई है। इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
इसको देखते हुए वाशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा को देखते हुए वाशिंगटन में भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। इस हिंसा के बाद ट्रंप के दो सहायकों ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है।
दुनिया भर में घटना की निंदा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश समेत भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की है।
पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा है कि वो अमेरिका में हुई हिंसक झड़प की खबर से काफी दुखी हैं। सत्ता का हस्तांतरण बेहद शांत और खुशनुमा माहौल में पूरा किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में इस तरह की घटनाओं की कोई जगह नहीं है।
ओबामा ने अपने बयान में कहा कि आने वाला समय इस दिन को हमेशा याद रखेगा कि कैसे मौजूदा राष्ट्रपति ने झूठ बोलकर चुनाव परिणामों को गलत साबित करने की कोशिश की और गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने बयान में इस घटना को अमेरिका के लिए शर्मसार करने वाली बताया है।
ट्रंप का सोशल मीडिया अकाउंट सस्पेंड
इस घटना के बाद सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ने कुछ समय के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड कर दिया है। इसकी वजह ट्रंप द्वारा अपने समर्थकों दिया वो संबोधन है जिसको इन वेबसाइट ने आपत्तिजनक माना है।
एक दूसरे पर हमलावर हुए ट्रंप और बाइडन
ट्रंप ने एक बार राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन पर धांधली करने का आरोप लगाया। इसके बाद ट्रंप को जवाब देते हुए बाइडन ने कहा कि वो संविधान की रक्षा करें और इस तरह की घेराबंदी को खत्म करें। वहीं ट्रंप ने कहा है कि वो हार नहीं मानने वाले हैं।
20 जनवरी को शपथ लेंगे बाइडन
आपको बता दें 20 जनवरी को जो बाइडन को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है। अमेरिकी इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इतना हंगामा हुआ है और इस तरह की हिंसा हुई है।
पूरा मामला
गौरतलब है कि बुधवार को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र में निर्वाचक मंडल के मतों की गणना और उन्हें प्रमाणित करने की प्रकिया शुरू हुई थी। इस पर एरिजोना के रिपब्लिकन सांसदों ने आपत्ति जताई थी।
इसके आधार पर उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सीनेट के संयुक्त सत्र की कार्यवाही स्थगित कर दी थी। उन्होंने आपत्तियों पर दोनों सदनों के सदस्यों को बहस के लिए दो घंटे का समय भी दिया था। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया।