वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण: जीएसटी सुधार से माँग, रोज़गार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हाल ही में लागू किए गए जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करेंगे। उनके अनुसार, यह सुधार उपभोग (डिमांड), निवेश और रोजगार के एक सकारात्मक चक्र को गति देगा।

सुधार का व्यापक असर

सीतारमण ने इस सुधार को “जनता का सुधार” (People’s Reform) करार दिया और कहा कि यह सीधे तौर पर हर नागरिक के जीवन पर असर डालेगा। चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी, निम्न आय वर्ग हो या उच्च—जीएसटी दरों में किए गए बदलाव से सभी को लाभ होगा। कई कंपनियों ने पहले ही उत्पादों की कीमतें घटाने की घोषणा कर दी है।

वित्तीय स्थिति पर असर नहीं

जीएसटी सुधारों के चलते अनुमान है कि सरकार को लगभग ₹48,000 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा। लेकिन वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि बढ़ी हुई खपत और आर्थिक गतिविधि इस घाटे की भरपाई कर देंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सुधारों से देश की वित्तीय स्थिति या सार्वजनिक व्यय पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

नई संरचना और दरें

नई जीएसटी संरचना में 5% और 18% दो प्रमुख स्लैब बनाए गए हैं, जबकि लग्ज़री और महंगे सामानों पर 40% की उच्च दर लागू होगी। वहीं, जीवन बीमा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी ज़रूरी सेवाओं को कर-मुक्त रखा गया है। सरकार का दावा है कि इस बदलाव से कर प्रणाली अधिक सरल और पारदर्शी बनेगी।

डिजिटल तैयारी

वित्त मंत्री ने हाल ही में जीएसटी नेटवर्क (GSTN) की तैयारियों की तीन उच्च-स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की। उद्देश्य यह है कि 22 सितंबर से लागू होने वाली नई संरचना के लिए सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म और उद्योग-व्यापारिक सिस्टम पूरी तरह तैयार हों।

विशेषज्ञों की राय

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ये सुधार उपभोग और निवेश दोनों को बढ़ावा देंगे, जिससे जीडीपी विकास दर पर सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असली असर आने वाले महीनों में ही स्पष्ट होगा, जब उद्योगों और उपभोक्ताओं का व्यवहार सामने आएगा।

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