अनरसा एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो खासकर महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड में बहुत प्रसिद्ध है। यह मिठाई मुख्य रूप से दिवाली और अन्य खास त्योहारों पर बनाई जाती है।
उत्पत्ति:
अनरसा का इतिहास बहुत पुराना है और इसे सदियों पुरानी मिठाई माना जाता है। इसे भिगोए हुए चावल, गुड़ या चीनी, और खसखस (पोपी सीड्स) से बनाया जाता है। चावल को कई दिनों तक भिगोकर पीसा जाता है, फिर उसका आटा बनाकर छोटी-छोटी गोलियाँ या डिस्क के आकार में तलते हैं।
सांस्कृतिक महत्व:
महाराष्ट्र में अनरसा को दिवाली के दौरान खास स्थान दिया जाता है। इसे समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। बिहार और झारखंड में भी यह छठ पूजा और अन्य त्योहारों में लोकप्रिय है।
बनाने की प्रक्रिया:
1. चावल 3-4 दिन तक भिगोएं।
2. भीगे चावल को पीसकर आटा बनाएं।
3. गुड़ की चाशनी बनाकर आटे में मिलाएं और गूंथकर 1-2 दिन रखें।
4. छोटी-छोटी लोइयां बनाकर चपटा बेलें।
5. दोनों तरफ खसखस लगाएं।
6. घी या तेल में सुनहरा तल लें।
प्रसिद्ध क्षेत्र:
महाराष्ट्र: खासकर पुणे और मुंबई क्षेत्र
बिहार और झारखंड: त्योहारों के दौरान खूब बनाई और खाई जाती है।
अनरसा अपनी कुरकुरी बनावट और मीठे, नटी स्वाद के कारण पीढ़ी दर पीढ़ी पसंद की जाती रही है।