भारतीय शेयर बाज़ार ने मंगलवार सुबह मजबूती के साथ शुरुआत की। प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 और सेंसेक्स क्रमशः 0.2% और 0.24% की बढ़त के साथ खुले। इस तेजी के पीछे मुख्य वजह देश की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) का बायबैक (शेयर पुनर्खरीद) प्रस्ताव है। कंपनी ने संकेत दिया है कि 11 सितंबर को बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जिससे निवेशकों में सकारात्मक माहौल बना और आईटी सेक्टर में मजबूती देखने को मिली।
सबसे अधिक उछाल इंफोसिस के शेयरों में दर्ज किया गया, जहां लगभग 4% की वृद्धि हुई। इसके असर से पूरा आईटी सेक्टर करीब 2.3% चढ़ गया। यह बढ़त खासकर इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों से शेयर बाजार दबाव में था और निवेशकों का भरोसा डगमगाता दिखाई दे रहा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि बायबैक का संकेत निवेशकों के लिए भरोसा बढ़ाने वाला कदम है। जब कोई कंपनी अपने ही शेयर वापस खरीदने की योजना बनाती है तो यह बाजार को संकेत देता है कि कंपनी अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त है और उसकी नकदी स्थिति मजबूत है। यही कारण है कि निवेशकों ने आईटी शेयरों की खरीदारी तेज़ कर दी।
हालांकि, बाज़ार के अन्य सेक्टरों में उतार-चढ़ाव बना रहा। ऑटो सेक्टर के शेयरों में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, RailTel Corporation के शेयरों में 5.7% का उछाल आया, क्योंकि कंपनी को हाल ही में नया बड़ा ऑर्डर प्राप्त हुआ है। इसके अलावा बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्र में भी हल्की तेजी देखने को मिली।
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य ने भी भारतीय बाजार को सहारा दिया। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना और भारत में हाल ही में लागू की गई जीएसटी दरों में कमी से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है। विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी में भी इजाफा देखा गया है, जिससे बाजार को अतिरिक्त समर्थन मिला।
बाजार विश्लेषकों के मुताबिक आने वाले दिनों में आईटी कंपनियों के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है, खासकर तब जब इंफोसिस औपचारिक रूप से बायबैक का ऐलान करेगी। साथ ही, यदि वैश्विक परिस्थितियां स्थिर रहती हैं तो यह तेजी लंबी अवधि तक टिक सकती है।
कुल मिलाकर, आज का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक रहा। आईटी सेक्टर ने न केवल बाजार को सहारा दिया, बल्कि निवेशकों के विश्वास को भी मजबूत किया। सभी की निगाहें अब 11 सितंबर पर टिकी हैं, जब इंफोसिस के बोर्ड द्वारा बायबैक प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। यह कदम आईटी सेक्टर और संपूर्ण शेयर बाज़ार के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।