कैश कांड में फंसे जस्टिस वर्मा को नहीं मिली राहत, SC ने खारिज कर दी याचिका

Justice Yashwant Verma Cash Case: दिल्ली के सरकारी आवास से बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में फंसे न्यायमूर्ति यशंवत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है।

Justice Yashwant Verma Cash Case: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा को बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है। दरअसल, जस्टिस वर्मा ने अपने आवास से जला हुआ कैश मिलने के मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य करार देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद से हटाने के लिए भेजी गई सिफारिश को भी चुनौती दी थी।

SC ने खारिज कर दी याचिका

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने स्पष्ट किया कि अदालत ने यह माना है कि इस पूरी प्रक्रिया से याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि चीफ जस्टिस और जांच कमेटी ने फोटो और वीडियो अपलोड करने समेत प्रक्रिया के सभी पहलुओं का पूरी ईमानदारी से पालन किया था।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्वीकार किया कि वीडियो अपलोड करना एक सही फैसला नहीं था, लेकिन इस पर कोई कानूनी निर्णय नहीं लिया गया, क्योंकि इस कदम को समय रहते चुनौती नहीं दी गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि वीडियो अपलोड करने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन चूंकि उस समय इस मुद्दे को उठाया नहीं गया, इसलिए अब इस पर विचार नहीं किया जा सकता। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में नकदी बरामदगी की जांच और मई में जस्टिस वर्मा के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली नेदुमपारा की याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के नई दिल्ली स्थित आवास के बाहरी हिस्से में जले हुए नोट मिले। इस घटना ने न्यायिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। इसके बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया गया और आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की गई।