Rohit-Bumrah समेत इन खिलाड़ियों का फिटनेस टेस्ट, नतीजे देख गंभीर हैरान…

Rohit Sharma Fitness Test: टेस्ट और टी-20 से संन्यास ले चुके रोहित शर्मा अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में खेलते हुए नजर आ सकते हैं।

Rohit Sharma Fitness Test: भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2025 से पहले अपनी फिटनेस परीक्षा में शानदार नतीजे दिए हैं। कप्तान रोहित शर्मा ने बंगलूरू स्थित बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) में आयोजित फिटनेस कैंप के दौरान ब्रोंको टेस्ट और यो-यो टेस्ट पास कर सभी को प्रभावित किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी शारीरिक बनावट और स्टैमिना में काफी सुधार देखने को मिला। कोचिंग स्टाफ उनके प्रदर्शन से बेहद संतुष्ट नजर आया।

ब्रॉन्को टेस्ट से भी हुई परख

ब्रॉन्को टेस्ट को यो-यो और 2 किमी प्रोटोकॉल टेस्ट के साथ लागू किया गया है. माना जाता है कि इसमें खिलाड़ियों के यो-यो टेस्ट की तरह चकमा देने की थोड़ी-बहुत गुंजाइश भी ख़त्म हो जाती है. टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर और द.अफ्रीकी स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच एड्रियन ला रू ने इसे टीम इंडिया के लिए लागू करवाया है.

ब्रॉन्को टेस्ट वैसे तो ज़्यादातर रग्बी जैसे कड़ी फिटनेस वाले खेल के खिलाड़ियों के आकलन में इस्तेमाल होता है. लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के बदलते स्वरूप की वजह से इसे क्रिकेट के लिए भी ज़रूरी माना जा रहा है. ये टेस्ट खिलाड़ियों के एन्ड्योरेंस की पुख्ता जांच कर लेता है. इस टेस्ट में 20,40 और 60 मीटर की दूरियों के सेट को लगातार 6 मिनट तक तय करना पड़ता है. इस तरह 1200 मीटर के बिना विश्राम के ये टेस्ट खिलाड़ियों के स्पीड, स्टैमिना और एंड्योरेंस का इम्तिहान ले लेता है.

इन खिलाड़ियों ने भी पास किया फिटनेस टेस्ट

पीटीआई के मुताबिक जिन अन्य खिलाड़ियों ने बिना किसी समस्या के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में इस फिटनेस टेस्ट को पास किया उनमें मोहम्मद सिराज, यशस्वी जायसवाल, वाशिंगटन सुंदर और शर्दुल ठाकुर का नाम शामिल है। जायसवाल और वॉशिंगटन दोनों एशिया कप के लिए स्टैंडबाई प्लेयर्स की लिस्ट में हैं। वहीं शार्दुल ठाकुर दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल में वेस्ट जोन की कप्तानी करते हुए नजर आएंगे।

सभी खिलाड़ियों ने 30 और 31 अगस्त को हुए फिटनेस टेस्ट पास किए। वहीं एशिया कप टीम के अन्य सदस्य, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा, कुलदीप यादव और रियान पराग (स्टैंडबाय) पहले ही दलीप ट्रॉफी क्वार्टरफाइनल खेल चुके थे, इसलिए उनके लिए अलग टेस्ट नहीं रखा गया।