UP News: up के कई जिलों में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे 22 शिक्षकों के खिलाफ तगड़ा एक्शन हुआ है. विभाग बर्खास्त करने के साथ ही सभी से वेतन रिकवरी और FIR कराने के आदेश दिए हैं.
UP News: उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में जाली दस्तावेजों के आधार पर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति हासिल करने वाले 22 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है. इन सभी पर आरोप था कि उन्होंने शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने के लिए फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों का उपयोग किया था। यह कार्रवाई लखनऊ, बाराबंकी, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया, बुलंदशहर, सहारनपुर, कानपुर देहात और मिर्जापुर जिलों में तैनात इन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ की गई है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने न केवल इनकी सेवाएं समाप्त करने, बल्कि इनसे वेतन की रिकवरी और FIR दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं.
जाली दस्तावेजों का उपयोग कर बने टीचर
जांच में पता चला कि इन 22 व्यक्तियों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग कर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी. ये लोग लंबे समय से स्कूलों में पढ़ाने के नाम पर वेतन ले रहे थे, जबकि उनकी शैक्षणिक योग्यता और नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज पूरी तरह फर्जी पाए गए. इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब शिक्षा विभाग ने शिकायतों के आधार पर इन शिक्षकों के दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की.
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वेतन रिकवरी और कानूनी कार्रवाई
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन फर्जी शिक्षकों से अब तक लिया गया वेतन वापस वसूला जाए. साथ ही, इनके खिलाफ संबंधित थानों में FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है. इस कार्रवाई का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखना और भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोकना है.
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शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों के दस्तावेजों की दोबारा जांच करें. विभाग का कहना है कि इस तरह की गतिविधियाँ न केवल शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, बल्कि योग्य उम्मीदवारों के अवसरों को भी छीनती हैं.
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