‘गोपनीय या दिखावा?’ – संभल हिंसा जांच रिपोर्ट पर सरकार को विपक्ष ने घेरा

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपे जाने के बाद इस मुद्दे पर सियासी बवाल मच गया है। समाजवादी पार्टी ने रिपोर्ट की गोपनीयता पर सवाल खड़े करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा ‘गोपनीय’ बताई जा रही रिपोर्ट को सार्वजनिक मंचों पर चर्चा का विषय बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “जब जांच कमेटी के सदस्य मीडिया के सामने खुद रिपोर्ट की बातें बताते हैं, तो इसे गोपनीय कैसे माना जा सकता है? यह जनता को गुमराह करने और मुद्दों से ध्यान भटकाने का तरीका है।”

उन्होंने शायर वसीम बरेलवी की पंक्तियाँ पढ़ते हुए सरकार पर तंज कसा— “फैसला लिखा रखा है पहले से खिलाफ, तो आप क्या खाक सफाई देंगे।”

सपा का आरोप है कि सरकार इस रिपोर्ट का इस्तेमाल विपक्षी दलों और जनता को भ्रमित करने के लिए कर रही है। उनका कहना है कि यदि रिपोर्ट वास्तव में गोपनीय है तो उसे मीडिया में लीक क्यों किया जा रहा है और यदि मीडिया के सामने साझा की जा रही है, तो फिर ‘गोपनीय’ शब्द का इस्तेमाल क्यों?

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वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि जांच रिपोर्ट पूरी तरह तथ्यों पर आधारित है और इसमें किसी भी तरह की राजनीति की गुंजाइश नहीं है। उनका दावा है कि हिंसा की पूरी पड़ताल निष्पक्ष तरीके से की गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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संभल हिंसा मामले पर अब रिपोर्ट के बहाने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार और तेज हो गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानसभा और सड़कों दोनों पर गूंज सकता है।

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